सिटी पैलेस जयपुर का इतिहास/City Palace Jaipur in Hind राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक तथा पर्यटन स्थलों में से एक है। सिटी प्लेसएक महल परिसर है। सिटी पैलेस जयपुर की एक लोकप्रिय धरोहर है। जो शहर के बीचोबीच स्थित है।ये जयपुर के हवा महल से कुछ दुरी पर स्थित है। इस शानदार महल का निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह माधो ने करवाया था। इस खूबसूरत भवन में कई इमारतें है विशाल आंगन और एक विशाल आकर्षक बाग़ हैं, जो इसके राजसी इतिहास की पहचान करता हैं। इस परिसर में ‘चंद्र महल’ और ‘मुबारक महल’ जैसे खूबसूरत भवन भी हैं। इस भवन के छोटे से भाग को संग्रहालय और आर्ट गैलेरी में बनाया गया है।सिटी प्लेस की खूबसूरती और सुंदरता को देखने के लिए सैलानी विश्व भर से हज़ारों की संख्या में सिटी पैलेस देखहने आते हैं।
सिटी पैलेस जयपुर का इतिहास – City Palace Jaipur History in Hindi
जयपुर सिटी पैलेस में कछवाह राजपूत वंश के जयपुर के महाराज का सिंहासन है। आमेर पर 1700 ई से 1744 ई तक आमेर पर हकूमत करने वाले महाराज सवाई जय सिंह द्वितीय ने इस महल परिर के निर्माण की शुरुआत करवाई थी। यह परिसर कई एकड़ों में फैला है। उन्होंने पहले इस परिसर की बाहरी दीवार के निर्माण का आदेश दिया था। इसका निर्माण सन् 1729 में शुरु हुआ और इसे पूरा करने में तीन साल लगे। यह महल परिसर पूरी तरह से बनकर सन् 1732 में तैयार हुआ सिटी पैलेस की भवन शैली राजपूत, मुग़ल और यूरोपियन शैलियों का अतुल्य मिश्रण है। लाल और गुलाबी पत्थरो से इस इमारत का निर्माण कराया गया है।
सिटी पैलेस जयपुर का इतिहास/City Palace Jaipur in Hind
महाराजा सवाई माधो सिंह 1750 – 1768 ईस्वी में के द्वारा पहनी जाने वाली शाही पोशाकों को भी इस संग्रहालय में आम जनता के लिए रखा गया है। सिटी पैलेस परिसर में महारानी पैलेस भी स्थित है जहां कई प्राचीन राजपूतों हथियारों को दर्शाया गया है। यहां के संग्रहालय में हाथी दांत , तलवारें, चेन हथियार, बंदुक, पिस्टल, तोपें, प्वाइजन टिप वाले ब्लेड और गन पाउडर के पाउच भी प्रर्दशन के लिए रखे गए हैं।
इनमें से कुछ हथियार तो 15 वीं सदी के आसपास के है। इस परिसर की सबसे बड़ी विशेषता इसके भव्य रूप से सजाए गए दरवाजे हैं। सिटी प्लेस में प्रवेश के तीन प्रवेश द्वार मुख्य हैं जिसे वीरेन्द्र पोल, उदय पोल व् त्रिपोलिया गेट के नाम से जानते हैं। इस पर्यटकों प्रवेश के लिए वीरेन्द्र पोल, उदय पोल गेट का इस्तेमाल होता है जबकि राजशाहीऔर vip सदस्य त्रिपोलिया गेट का उपयोग करते हैं।
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