Shiv Ke 12 Jyotirlingas के नाम और स्थान, महत्व, मान्यता, दर्शन, फोटो व् महत्वपूर्ण तथ्य - Tourword

Shiv ke 12 Jyotirlingas के नाम और स्थान, महत्व, मान्यता, दर्शन, फोटो व् महत्वपूर्ण तथ्य

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Shiv ke 12 Jyotirlingas के नाम और स्थान, महत्व, मान्यता, दर्शन, फोटो व् महत्वपूर्ण तथ्य

Shiv ke 12 Jyotirlingas  – हमारे भारत देश को मंदिरों का देश कहा जाता है। देश भर में लाखों  मंदिर और धार्मिक धाम हैं।  लेकिन हिन्दू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंग का सबसे खास महत्व है।  देश के अलग अलग 12 स्थानों पर स्थित भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग है। अपनी देश की एकता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

हिंदू धार्मिक मंत्याओ के अनुसार जो व्यक्ति पूरे 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर लेता है। उसके सभी संकट और बाधाएं दूर हो जाती है। और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इतनी लम्बी धार्मिक यात्रा करना , और सभी 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना सब के लिए सभव नहीं होता। भाग्यशाली श्रधालुओ को इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।

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इतिहास ओर हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव शंकर ने जिन 12 स्थानों पर अवतार लिए थे। और  अपने भक्तों को दर्शन दिए उन जगहों पर इन 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है। उन ज्योतिलिंग का नाम इस प्रकार है ।

Shiv ke 12 Jyotirlingas के नाम और स्थान

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों नाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों स्थान
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग सोमनाथ, गुजरात
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश
3 महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन, मध्य प्रदेश
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मांधाता, मध्य प्रदेश
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग केदारनाथ, उत्तराखंड
भीमशंकर ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर, महाराष्ट्र
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग  वाराणसी, उत्तर प्रदेश
त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग त्रिंबक, महाराष्ट्र
बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग देवघर, झारखण्ड
10 नागेश्वर ज्योतिर्लिंग दारुकावनम, गुजरात
11 रामेश्वर ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम, तमिल नाडु
12 घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग एलोरा, महाराष्ट्र

Shiv ke 12 Jyotirlingas  का महत्व

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Shiv ke 12 Jyotirlingas

देवों के देव महादेव वैसे तो हर जगह मौजूद हैं लेकिन भगवान शिव जिन 12 रूपों और स्थानों पर ज्योतिर्लिंग के रूप में मौजूद हैं उनका विशेष महत्व है। हमारे पुराणों के अनुसार इन सभी बारह स्थानों पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए हैं और वे ही इन सभी ज्योतिर्लिंगों में ज्योति रूप में विद्यमान हैं। ये पवित्र ज्योतिर्लिंग देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं। इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से ही मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और कई पापों से मुक्ति मिलती है, यही भगवान शिव की विशेषता है। है। आइए जानते हैं देश में भगवान शिव के ये 12 ज्योतिर्लिंग कहां स्थित हैं और आज इन सभी ज्योतिर्लिंगों के मानसिक दर्शन करते हैं।

Somnath Jyotirlinga Mandir, Gujarat

गुजरात राज्य में स्थित सोमनाथ मंदिर एक ज्योतिर्लिंग है, और भारत में भगवान शिव के बारह प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रतिष्ठित, यह मंदिर सदियों से एक तीर्थ स्थल रहा है, और अपनी स्थापत्य सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। यह अपने भक्तों की अटूट आस्था और भक्ति के प्रमाण के रूप में खड़ा है, सोमनाथ का शांत वातावरण तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को समान रूप से एक दिव्य दर्शन और शांती का अनुभव प्रदान करता है।

पावन प्रभासक्षेत्र में स्थित इस सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का वरण माहाभारत और श्री भगवत गीता में विस्तार से बताई गई है। सोमनाथ ज्योतिलिंग महादेव के 12 ज्योतिलिंग में प्रथम ज्योतिलिंग है। Read More 

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Mallikarjuna Jyotirlinga Mandir, Andhra Pradhesh

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से द्वितीय ज्योतिर्लिंग माना जाता है। इन ज्योतिलिंग में सोमनाथ ज्योतिलिंग पर्थम मन माना जाता है। महादेव के 12 ज्योतिलिंग का खास महत्व है। ये आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले में दक्षिण दिशा में स्थित है। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग शैल नामक पर्वत पर स्थित है। ये पर्वत कृष्णा नदी के किनारे स्थित है। धार्मिक ग्रंथो में इसे दक्षिण का कैलाश भी कहा जाता है। पुराणों ओर इतिहास में इस स्थान का  विशेष महत्व माना गया है। Read More 

Mahakaleshwar Jyotirlinga Mandir- Ujjain, Madhya Pradesh

उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश में स्थित है। महाकालेश्वर उज्जैन का दर्शनीय स्थल है। महाकालेश्वर उज्जैन दर्शन का समय सुबह 3 बजे से रात 11 बजे तक है। भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर मंदिर प्रमुख है। ये भारत का विशाल तीर्थस्थलो में से एक है। इसलिए यहाँ साल भर तीर्थ यात्री आते रहते है। पर्यटक दृष्टि से भी ये उपयोगी स्थान है।

ये भारत का प्राचीन और पौराणिक मंदिर होने के कारण पुरे विश्व में प्रसिद है। यहाँ देश विदेश से लाखो पर्यटक घुमने आते है। महाकालेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित है। महाकालेश्वर भगवान की ये प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई थी। इसलिए श्रद्धालुओ को इसके प्रति बहुत आस्था माना जाती है। ये इस क्षेत्र का प्रमुख धार्मिक स्थल है।यहाँ महाकालेश्वर भगवान का बहुत ही सुन्दर मंदिर है। Read More 

Omkareshwar Jyotirlinga Mandir – Mandhata, Madhya Pradesh

ओंकारेश्वर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से चौथा है। वही ओंकार स्वरूप ज्योतिर्लिंग श्री ओंकारेश्वर हैं, ओंकार का उच्चारण सबसे पहले सृष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। अर्थात भगवान शिव यहां ओंकार रूप में प्रकट हुए हैं। ज्योतिर्लिंग वे स्थान हैं जहां भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए और ज्योति रूप में स्थापित हैं। शिवपुराण तथा वायुपुराण में ओंकारेश्वर क्षेत्र की महिमा का वर्णन मिलता है। यह मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर इंदौर से 77 किमी की दूरी पर है। और यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जो नर्मदा के उत्तरी तट पर स्थित है। भगवान शिव तीनों लोकों में भ्रमण करने के बाद प्रतिदिन यहीं आते हैं और विश्राम करते हैं। Read More 

Shiv ke 12 Jyotirlingas के नाम और स्थान

Kedarnath Jyotirlinga Mandir, Uttarakhand

केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से पांचवा ज्योतिर्लिंग है। केदारनाथ मंदिर उतराखंड के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, जो समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक नाम “केदार खण्ड” है। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के चार धामों और पंच केदारों में से एक है और भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हिमालय की गोद में अत्यधिक बर्फबारी के कारण, मंदिर भक्तो के लिए साल में केवल 6 महीने ही खुलता है। केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर केवल मई (अक्षय तृतीया) से कार्तिक पूर्णिमा पर नवंबर के बीच खुला रहता है। Read More 

Bhimashankar Jyotirlinga Maharashtra

भीमाशंकर मंदिर पुणे शहर के खेड़ से 50 किलोमीटर दूर भोरगिरी गांव में स्थित है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जो 12 ज्योतिर्लिंगों मे 6th वा सथान है,  यह महाराष्ट्र के पुणे शहर से 110 किमी दूर है। सुदूर उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में स्थित है। यह हिंदुओं का एक प्राचीन धार्मिक स्थल है। यहां साल भर देश-विदेश से यात्री और पर्यटक आते रहते हैं। यह मंदिर सह्याद्रि पर्वत के पश्चिमी घाट में स्थित है। भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग भीमा नदी के तट पर स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग शिव का एक विशेष एवं प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग माना जाता है। Read More 

Kashi Vishwanath Jyotirlinga Temple Varanasi

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर काशी में स्थित है, काशी, जिसे आमतौर पर वाराणसी या बनारस के नाम से जाना जाता है, इन पवित्र स्थानों में से एक है। पवित्र वाराणसी शहर कई खूबसूरत जगहें और घाटों की सुंदरता से लेकर मंदिरों की आध्यात्मिकता के लिए भी जाना जाता हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रमुख देवता भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जिसका अर्थ है “विश्व का शासक”। वाराणसी शहर को काशी के नाम से भी जाना जाता है, इसलिए मंदिर को आमतौर पर काशी विश्वनाथ मंदिर के रूप में जाना जाता है। Read More 

Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple Nashik

त्र्यंबकेश्वर शहर एक प्राचीन हिंदू तीर्थस्थल है जो प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी गोदावरी नदी के स्रोत पर स्थित है। त्र्यंबकेश्वर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर नासिक स्थित हैं। नासिक से त्र्यंबकेश्वर की दूरी 30 km है। त्रिम्बकेश्वर शिव मंदिर ज्योतिलिंग भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से आठवा ज्योतिर्लिंग है। इस मंदिर के पास ही गोदावरी नदी प्रवाहित होती है।

गोदावरी नदी का उदगम स्थान ब्रह्म गिरि नाम के पर्वत पर बना है। त्र्यम्बकेश्वर धाम हिन्दुओ का प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस मंदिर के भीतर एक हिस्से में छोटा-सा गठ्ठा बना हुआ। इस गठ्ठे में भगवान् शिव के तीन छोटे-छोटे लिंग स्थापित किये हुए है। Read More 

Baidyanath Jyotirlinga Temple Deoghar, Jharkhand

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, जिसे वैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है जो भारत देश के हर छेत्र से आये भक्तों को आकर्षित करता है। बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर झारखण्ड के देवघर शहर में स्थित है और इसके बगल में बासुकीनाथ मंदिर है। बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर हिंदू धर्म में बहुत धार्मिक महत्व रखता है और यह मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

जिसे भोले नाथ का नोवा ज्योतिर्लिंग माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव की अनंत प्रकृति का प्रतीक है। भक्तों का मानना है कि बैद्यनाथ मंदिर में प्रार्थना करने से आध्यात्मिक ज्ञान और मुक्ति प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। Read More 

Nageshwar Jyotirlinga Darukavanam, Gujarat

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात में सौराष्ट्र के तट पर द्वारका में स्थित है। भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का अत्यधिक धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से 10वां स्थान ज्योतिर्लिंग नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर गुजरात राज्य में स्थित है, यह प्राचीन मंदिर है,यहाँ हर साल हजारों भक्तों और पर्यटकों आते है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग अपने समृद्ध इतिहास, भगवान शिव की 25 मीटर ऊंची मूर्ति प्रमुख आकर्षण हैं। सुंदर वास्तुकला और आध्यात्मिक आभा के साथ दिव्य अनुभव चाहने वालो के लिए योग्य स्थान है। Read More

Rameshwaram Jyotirlinga Temple,  Tamil Nadu

भगवान शिव को समर्पित रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु के रामेश्‍वरम में स्थित है। यह हिंदू तीर्थयात्रा के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है, रामेश्वरम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग एक है, जिसे स्वयं भगवान राम ने स्थापित और पूजा किया था। रामनाथस्वामी मंदिर अपनी भव्य संरचना,जटिल मूर्तिकला कार्यों और गलियारों के लिए जाना जाता है, जो इसे एक वास्तुशिल्प चमत्कार बनाते हैं। मंदिर में पूजे जाने वाले मुख्य देवता लिंगम के रूप में हैं। यहां नंदी की एक मूर्ति भी है, जो लगभग 17.5 फीट ऊंची एक विशाल मूर्ति है। हिन्दू धर्म के अनुयियो के लिए एक पवित्र स्थान है, हिंदू धर्म के चार प्रमुख तीर्थों धाम है, रामेश्‍वर मंदिर उन चार धमो में से एक है। Read More

Grishneshwar Jyotirlinga Temple,  Maharashtra

घृष्णेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। यह मंदिर लगभग 3000 वर्ष पुराना है और लिंग का मुख पूर्व की ओर है। गर्भगृह में भगवान घृष्णेश्वर और उनकी पत्नी घृष्णेश्वरी शामिल हैं। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एक प्रतिष्ठित हिंदू धार्मिक स्थल है, जो भारत के महाराष्ट्र राज्य में एलोरा गुफाओं के परिसर में वेरुल गांव में स्थित है। भगवान शिव को समर्पित, घृष्णेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में 12 वा ज्योतिर्लिंग हैं, और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का समृद्ध और आकर्षक इतिहास भी है। Read More

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My Name is Sunil Saini and I live in Jaipur. I am very Fond of Traveling And Seeing New Places. That's why I Started Blogging in 2018

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