भगवान शिव के Omkareshwar Jyotirlinga Temple का स्थान, महत्व, कहानी व इतिहास

09/03/2024

Omkareshwar Jyotirlinga Temple – ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भगवान शिव जी के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और चौथे स्थान पर ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मान दता द्वीप पर स्थित है, यहां पर नर्मदा नदी दो भागों में बढकर मानदा द्वीप का निर्माण करती है, यह द्वीप करीब 4 किमी लंबा और 2 किमी चौड़ा है यह द्वीप ऊपर से ओम आकार का दिखाई पड़ता है इसी वजह से इस जगह को ओमकारेश्वर के नाम से जाना जाता है और इस मंदिर में ज्योतिर्लिंग है वो यहां पर पंचमुखी रूप में स्थापित है,

Omkareshwar Jyotirlinga Temple story,History in Hindi

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों में से एक है। नर्मदा नदी के एक द्वीप पर स्थित, यह भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखता है। यह लेख आपको ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के समय, इतिहास, छवि, कहानी और स्थान के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, जिससे आप इस पवित्र स्थान को गहरी समझ के साथ जानने में सक्षम होंगे।

भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों नाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों स्थान
1 सोमनाथ ज्योतिर्लिंग सोमनाथ, गुजरात
2 मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश
3 महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन, मध्य प्रदेश
4 ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मांधाता, मध्य प्रदेश
5 केदारनाथ ज्योतिर्लिंग केदारनाथ, उत्तराखंड
6 भीमशंकर ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर, महाराष्ट्र
7 काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग  वाराणसी, उत्तर प्रदेश
8 त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग त्रिंबक, महाराष्ट्र
9 बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग देवघर, झारखण्ड
10 नागेश्वर ज्योतिर्लिंग दारुकावनम, गुजरात
11 रामेश्वर ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम, तमिल नाडु
12 घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग एलोरा, महाराष्ट्र

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का इतिहास – Omkareshwar Jyotirlinga Temple History in Hindi

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का इतिहास - Omkareshwar Jyotirlinga Temple History in Hindi
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का इतिहास – Omkareshwar Jyotirlinga Temple History in Hindi

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का एक समृद्ध इतिहास है जो सदियों पुराना है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं देवताओं ने किया था। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का महत्व भगवान शिव से जुड़ा है, जिन्हें हिंदू धर्म में सर्वोच्च देवता माना जाता है। और माना जाता है कि यहां पर 33 करोड़ देवी देवताओं कावास है मान्यता अनुसार इवाक वंश के राजा मानदा आता ने यहां कठोर तपस्या की थी तब भगवान शिव ने उन्हें आशीर्वाद दिया और यहां प्रकट हुए तभी से यहां भगवान शिव ओमकारेश्वर के रूप में विराजमान है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की कहानी – Omkareshwar Jyotirlinga Temple Story in Hindi

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पीछे की कहानी दिलचस्प है। एक बार नारद जी भ्रमण करते हुए विंध्याचल पर्वत पर पहुंचे। वहां पर्वतराज विंध्याचल ने नारद जी का स्वागत किया और यह कहते हुए कि मैं सर्वगुण संपन्न हूँ, मेरे पास सब कुछ है, हर प्रकार की सम्पदा है, नारद जी विंध्याचल की अभिमान युक्त बातें सुनकर चुपचाप खड़े रहे। तब विंध्याचल ने नारद जी से पूछा कि आपको मेरे पास कौनसी कमी दिखाई दी। जिसे देखकर चुप चाप खड़े है। तब नारद जी ने कहा कि तुम्हारे पास सब कुछ है किन्तु तुम सुमेरू पर्वत से ऊंचे नहीं हो ।

नारद जी ने आगे कहा, इस पर्वत का भाग देवलोक तक पहुंचा हुआ है और तुम्हारे शिखर का भाग वहां तक कभी नहीं पहुँच पायेगा। ऐसा कह कर नारद जी वहां से चले गए। लेकिन वहां खड़े विंध्याचल को बहुत दुःख हुआ और मन ही मन शोक करने लगा। और उन्होंने शिव भगवान की आराधना करने का निश्चय किया। जहाँ पर साक्षात् ओमकार विद्यमान है, वहां पर उन्होंने शिवलिंग स्थापित किया और लगातार प्रसन्न मन से 6 महीने तक पूजा की। इस प्रकार शिव भगवान जी अतिप्रसन्न हुए और वहां प्रकट हुए। उन्होंने विंध्य से कहा कि मैं तमसे बहुत प्रसन्न हूँ। तुम कोई भी वरदान मांग सकते हो।

तब विंध्य ने कहा कि आप सचमुच मुझ से प्रसन्न हैं तो मुझे बुद्धि प्रदान करें जो अपने कार्य को सिद्ध करने वाले हो। तब शिव जी ने उनसे कहा कि मैं तुम्हे वर प्रदान करता हूँ कि तुम जिस प्रकार का कार्य करना चाहते हो वह सिद्ध हो। वर देने के पश्चात वहां कुछ देवता और ऋषि भी आ गए। उन सभी ने भगवान शिव जी की पूजा की और प्रार्थना की कि हे प्रभु ! आप सदा के लिए यहाँ विराजमान हो जाईए।

शिव भगवान अत्यंत प्रसन्न हुए। लोक कल्याण करने वाले भगवान शिव ने उन लोगों की बात मान ली और वह ओमकार लिंग दो लिंगों में विभक्त हो गया। जो पार्थिव लिंग विंध्य के द्वारा बनाया गया था वह परमेश्वर लिंग के नाम से जाना जाता है और जो भगवान शिव जहाँ स्थापित हुए वह लिंग ओमकार लिंग कहलाता है। परमेश्वर लिंग को अमलेश्वर लिंग भी कहा जाता है और तब से ही ये दोनों शिवलिंग जगत में प्रसिद्ध हुए।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का महत्व

भारत के मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के मांधाता द्वीप पर स्थित ओंकारेश्वर मंदिर, भगवान शिव के भक्तों के लिए एक पूजनीय तीर्थ स्थल है। एक द्वीप पर मंदिर का स्थान इसके आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाता है, जो हर साल हजारों यात्रिओ को आकर्षित करता है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग जिस द्वीप पर स्थित है। इस द्वीप का आकार पवित्र हिंदू प्रतीक “ओम” जैसा है, जो इसके आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाता है। ओंकार मंदिर के अंदर कई मंदिर हैं। यहां स्थित भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही कई मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। ओंकारेश्वर धाम किसी मोक्ष स्थल से कम नहीं है। ॐ की आकृति में बने धाम की परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का रहस्य Mystery of Omkareshwar Jyotirlinga Temple

 

ओंकारेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है, ओंकारेश्वर मंदिर भगवान शिव का विश्राम स्थल मन जाता है। नर्मदा नदी के तट पर स्थित यह मंदिर ओम आकार में स्थापित है, इसी कारण इसे ओंकारेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है, इस मंदिर कीश्रृंगार आरती काफी प्रसिद्ध है, क्योंकि रात्रि के समय भगवान शिव खुद यहां पर विश्राम करते हैं। और ऐसा मन जाता है की इस मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती मंदिर के भीतर चौसर खेलते हैं, इसी वजह से यहां पर रात्रि से पहले, इसकी तैयारी कर दी जाती है, सुबह होने पर यहां के पंडितों द्वारा देखा जाता है कि चौसर पर किसी प्रकार की प्रक्रिया हुई है। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की हर पीड़ा और दुख दर्द पूर्ण रूप से समाप्त हो जाते हैं।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर दर्शन का समय

ओमकारेश्वर शिवलिंग दो भागों में बंटा हुआ है सबसे पहला ओमकारेश्वर और दूसरा ममलेश्वर शिवलिंग है लेकिन दोनों शिवलिंग को एक ही शिवलिंग के रूप में माना जाता है श्री ओमकारेश्वर मंदिर पांच मंजिला है पहले में श्री ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग दूसरे में महाकालेश्वर तीसरी मंजिल पर सिद्धनाथ महादेव चौथी पर गुप्तेश्वर महादेव और पांचवी मंजिल पर राजेश्वर महादेव मंदिर स्थित है, मंदिर में दर्शन करने का
समय सुबह 5:00 बजे से रात के 9:00 बजे तक रहता है, अगर आप यहां पर श्रावण मास के दौरान आ रहे हैं तो यहां पे श्रद्धालुओं की काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिल सकती है

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर जाने का अच्छा समय Best time to visit Omkareshwar Jyotirlinga Temple

ओंकारेश्वर भारत के मध्य प्रदेश में एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित ओंकारेश्वर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है, जब मौसम ठंडा और सुहावना रहता है, मंदिर की यात्रा के साथ दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए भी यह समय बहुत अच्छा होता है। इन महीनों के दौरान महा शिवरात्रि का त्योहार भी पड़ता हैं जो आमतौर पर फरवरी या मार्च में पड़ता है। यह त्यौहार ओंकारेश्वर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है और यह स्थानीय संस्कृति और धार्मिक उत्साह को उसकी पूरी महिमा में अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर कैसे पहुंचे How to reach Omkareshwar Jyotirlinga Temple

भारत में ओंकारेश्वर हिंदू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, ओंकारेश्वर मंदिर भक्तों के साथ-साथ हिंदू संस्कृति और परंपराओं के प्रति रूचि रखने वाले लोग यहाँ आना चाहते है। आप यहां सड़क, ट्रेन और फ्लाइट द्वारा ओंकारेश्वर कैसे पहुंचें। ओंकारेश्वर के निकटतम हवाई अड्डा इंदौर है, जो मंदिर से 77 किमी दुरी पर है, और उज्जैन 133 किमी हैं। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन रेलवे स्टेशन इंदौर 77 किमी है। आप उज्जैन, इंदौर या खंडवा से भी बस पकड़ सकते हैं।

फ्लाइट ओंकारेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे?

ओंकारेश्वर का निकटतम हवाई अड्डा इंदौर हवाई अड्डा उर्फ देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा है। यह ओंकारेश्वर से 77 किमी दूर स्थित है। कई एयरलाइंस भारत के प्रमुख हिस्सों से इंदौर तक सेवाएं प्रदान करती हैं।

ट्रेन से ओंकारेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे?

ओंकारेश्वर रोड रेलवे स्टेशन तक भारत के कई प्रमुख हिस्सों से ट्रेन द्वारा पहुंचा जा सकता है। यह अकोला-रतलाम रेलवे लाइन पर पड़ता है। मांधाता ओंकारेश्वर रोड रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किमी दूर स्थित है।

सड़क मार्ग से ओंकारेश्वर मंदिर कैसे पहुँचें?

ओंकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के प्रमुख बस स्टॉप खंडवा से 73 किमी की दूरी पर है। यंहा से आप ओंकारेश्वर के लिए बस या टेक्सी ले सकते हैं, मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम और कुछ निजी ट्रैवल कंपनियां ओंकारेश्वर रोड पर सेवाएं प्रदान करती हैं।

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