Udaipur tourist place – उदयपुर राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। राजस्थान के पर्वतमालाओ की खूबसूरत वादियों में बसा उदयपुर एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, इस सुंदर शहर को झीलों की नगरी भी कहा जाता है । इस शहर की स्थापत्य कला, संस्कृति, और ऐतिहासिक महत्व के कारण इसे न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में जाना जाता है। उदयपुर की खासियत यहां के राजमहल, खूबसूरत झीलें, और अरावली पर्वतो में बसे प्राचीन किले हैं। यह शहर वास्तुकला, कला और इतिहास के प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग की तरह है। इसे “city of lakes” भी कहा जाता है।
उदयपुर की जनता बहुत ही मिलनसार है यहां की मेहमान नवाजी से सब का मन मोह लेती है ।देश विदेश से घूमने आने वाले सैलानी यहां की सुंदरता , संस्कृति , यहां के लोगों के अपनेपन से काफी प्रभावित होते हैं । यहां रोयल मेवाड़ परिवार के अनेकों राजसी महल , बगीचे , गार्डन, झील ओर प्राचीन विसाल फ़ोर्टस है, जो उदयपुर के प्रसिद्ध टुरिस्ट प्लेस है, देखने और घूमने की जगह है। ईन रोयल प्लेस में से कुछ रोयल प्लेस को होटल बना दिया गया है, जिस यहां आए पर्यटकों को दहरने की सुविधा हो ।आज आप को उदयपुर के मुख्य मुख्य स्थानों की जानकारी देने की कोशिश कर रहा हूं ।
उदयपुर का इतिहास History of Udaipur In Hindi
उदयपुर का इतिहास 16वीं शताब्दी में मेवाड़ के राजा महाराणा उदय सिंह द्वितीय से जुड़ा है। उदयपुर की स्थापना 1559 में हुई, जब महाराणा उदय सिंह ने चित्तौड़गढ़ की सुरक्षा की दृष्टि से उदयपुर को अपनी नई राजधानी बनाया। अकबर के चित्तौड़गढ़ मे भयंकर युद्ध के बाद , महाराणा उदय सिंह ने उदयपुर को मेवाड़ की रियासत की राजधानी बनाया गया था
राजस्थान के मेवाड़ राजवंश के बहादुर महाराणाओं के नेतृत्व में, उदयपुर ने कई युद्धों का सामना किया, लेकिन इसने अपनी सांस्कृतिक धरोहर और आत्म-सम्मान को कभी नहीं खोया। मुगल सम्राटों से संघर्ष के बावजूद, उदयपुर हमेशा से एक स्वतंत्र राज्य बना रहा और इसकी संस्कृति और परंपराएं समृद्ध रहीं। महाराणा प्रताप, जो मेवाड़ के सबसे प्रसिद्ध राजा थे, ने मुगलों के खिलाफ कई युद्ध लड़े और यह क्षेत्र हमेशा से उनकी वीरता और साहस का प्रतीक रहा है।
Udaipur tourist place । Udaipur Mai Ghumane ki Jagah
उदयपुर दर्शनीय स्थल अपने इतिहास और वास्तुकला के लिए विश्व प्रसिद्ध है, जो आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे!
उदयपुर भारत का ऐसा शहर जो अपने शानदार इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। सानदार महल राजसी भवन,बगीचे, गार्डन, झील ओर प्राचीन विसाल फ़ोर्टस जेसी उदयपुर मे घूमने ओर देखने की खूबसूरत जगह है। अगर आप उदयपुर टुरिस्ट स्थल की यात्रा करने आऐंगे, तो यकीनन मानो उदयपुर के सानदार महलों मे घूमते हुये आपको राजा-महाराजाओं जैसा एहसास होगा। उदयपुर की यात्रा के मनोरम सौंदर्य आप चाहकर भी भुला नहीं पाएंगे।
City Palace Udaipur Tourist Place In Hindi

सिटी प्लेस यह प्लेस पिकुला लेक के पास है, सिटी प्लेस 11 खूबसूरत भव्य महलो को मिलाकर बनाया गया है, सिटी प्लेस की बनावट बहुत खूबसूरत है जिसे देखर आप को 300 साल पहले महाराजाओ का जीवन जीने की शैली का अहसास होगा ,इस शानदार महल का निर्माण साल 1559 में महाराजा उदय सिंह ने करवाया था
जहाँ महाराणा रहते थे महल के अंदर अब एक संग्रहालय बनाया गया है , जहा आप को शासको के प्राचीन लेख , शाही लेख , शाही हथियार , और भी बहुत कुछ देखने को मिलेंगे, सिटी प्लेस वास्तुकला यूरोप और चीनी शैलीयो का है !पहाड़ो की गोद में बसा सिटी पैलेस का ग्रेनाइट और संगमरमर पत्थर बना हे कई गुंबदों, मेहराबों और मीनार है। सिटी पैलेस खुद हरे भरे बगीचे से सज़ा हुआ है और देखने के लिए काफी आकर्षक है!
Lake Palace Udaipur Tourist Place In Hindi

लेक पैलेस उदयपुर का एक विश्व प्रसिद्ध महल है, जो पिछोला झील के बीचों-बीच स्थित है। यह महल अपनी खूबसूरती, राजसी वैभव और अनोखी वास्तुकला के कारण दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। झील के बीच में स्थित होने के कारण इसे “जल महल” के नाम से भी जाना जाता है। सफेद संगमरमर से बना यह महल राजपूत स्थापत्य कला का उदाहरण है। लेक पैलेस की शाही भव्यता इसे उदयपुर के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनाती है।
सफेद संगमरमर से बनाया गया है, जो इसे शाही और आकर्षक बनाता है। महल की संरचना राजपूत शैलियों की झलक दिखाई देती है। यहां के कमरों, आंगनों और गलियारों की नक्काशी बेहद अद्भुत है। महल के अंदर के हॉल और कक्ष शाही शान-शौकत से सजे हुए हैं, जिनमें प्राचीन कलाकृतियों, सुंदर झूमरों और भित्ति चित्रों का इस्तेमाल किया गया है।
Bagore Ki Haveli Udaipur tourist place

बगोरे की हवेली — इस हवेली को देखने से आप को महाराजा के साहीपन का आज भी यहाँ अहसास होता है , यह बगोरे की हवेली पिकोला लेक और सिटी प्लेस के नजदीक ही स्थित है इसका निर्माण मेवाड़ के मंत्री अमर चन्द ने करवाया था, बाद में ये हवेली महाराजा शक्ति सिह का निवास स्थान हो गई थी, बाद में इसका नाम बगोरे की हवेली पड़ा , इस हवेली में मेवाड़ की संस्कृति साफ नजर आती है , इस महल में 100 से ज्यादा कमरे है जो सब अलग तरह की कलाकृति दिखाई देती है।
Fatehsagar Lake Udaipur tourist place

फतेहसागर झील — यह झील पिछोला झील से जुड़ी हुई है, 1678 में उदयपुर के उत्तर-पश्चिम में महाराणा जय सिंह द्वारा बनाया गया था लेकिन 1888 इसका पुननिर्माण महाराणा फतेहसिंह द्वारा करावाया गया था। फतेहसागर झील उदयपूर का एक खास आकर्षण है.फतेह सागर झील में बोटिंग यहाँ की सबसे प्रसिद्ध है। झील के किनारे टहलने का मजा लिया जा सकता है।
फतेह सागर झील उदयपुर में घूमने के लिए एक शानदार जगह है, लेक पिचोल 4 द्वीपों के लिए जो अपने आप में आकर्षण हैं। इस लेख मे सार्वजनिक पार्क और एक सौर वेधशाला देखने लायक है। इस झील का नाम उदयपुर और मेवाड़ के महाराणा फतेह सिंह के नाम पर है, उदयपुर में लेक पिचोला शहर के जीवन मे पानी की आपूर्ति भी करती है।
Kumbhalgarh Fort Udaipur tourist place

कुंभलगढ़ किला — कुंभलगढ़ के किले को राणा कुंम्भा ने इसे 15 वीं शताब्दी में बनाया था। यह किला मेवाड़ के यशश्वी महाराणा कुम्भा की सूझबूझ व प्रतिभा का अनुपम स्मारक है, इस किले को ‘अजेयगढ’ कहा जाता था क्योंकि इस किले पर कोई भी शासक विजय प्राप्त नहीं कर पाया था। इसके चारों ओर बडी दीवार बनी हुई है जो चीन की दीवार के बाद दूसरी सबसे बडी दीवार बताया जाता है।
कुंभलगढ़ किला करीब 12 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। कुंभलगढ़ किले का निर्माण कई घाटियों और पहाड़ियों को मिलाकर किया गया था। जिसके कारण यह किला अजेय बना हुआ है। इस किले के ऊंचे स्थानों पर महल, मंदिर और आवासीय भवन बनाए गए थे। कुंभलगढ़ किले के परिसर में देखने लायक 350 से अधिक प्राचीन मंदिर और 13 गढ़ हैं। यह किला धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
Saheliyon ki Bari Udaipur tourist place

सहेलियों की बाड़ी — सहेलियों की बाड़ी नाम का सुन्दर बाग है।हरियाली और बहते फव्वारों की ठंडक पर्यटको को लुभाती है। इतिहास के जानकर बताते है इसे महाराणा संग्राम सिंह (द्वितीय) ने 1715 के आसपास राजसी महिलाओं के सैर करने के लिए बनवाया था। इस की खूबसूरती इस कदर है कि बॉलिवुड की कई फिल्मों में रूपहले पर्दे पर छाया है। और दिन में हजारो देश – विदेश घूमने आते है,
इस बगीचे को उदयपुर की राजकुमारी ओर उनकी सहेलियों के घूमने के लिए बनाया,सफेद संगमरमर से बने सहेलियों की बाड़ी मे यहां के फव्वारे, संगमरमर के मंडप और फूलों की क्यारियाँ इस जगह को खास बनाती हैं। सहेलियों की बाड़ी शांत और सुकून भरी जगह है, जहां आकर आप प्रकृति के बीच समय बिता सकते हैं।
Udaisagar Lake Udaipur tourist place

उदयसागर झील उदयपुर घूमने की मुख्य जगह मे से एक है, जिसे महाराणा उदय सिंह द्वारा 1565 में बनवाया था। यह उदयसागर झील उदयपुर की 5 प्रसिद्ध झीलों में से एक है, जो वास्तव में शहर के सौंदर्य को चार चंद लगती है। आज यह झील अपने शांत वातावरण और सूर्यास्त के सुंदर द्रश्य कारण उदयपुर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
आप झील मे नाव पर बैठकर सैर भी कर सकते हैं। आप अपने परिवार के साथ एक शांतिपूर्ण दिन बिताना चाहते हैं तो उदयसागर झील आपके लिए एक आदर्श स्थान है। यहाँ का शांत वातावरण आपको को शांति का अहसास करता है। अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए यह एक अच्छी जगह है।
Sajjangarh Palace Udaipur tourist place

सज्जनगढ़ पैलेस जिसे मानसून पैलेस भी कहते है, यह अरावली की खूबसूरत पहाड़ियों पर स्थित है, यह एक वन्यजीव अभयारण्य है। फतेह सागर झील के पास सज्जनगढ़ पैलेस अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। इस प्लेस से उदयपुर शहर और झीलों का मनोहरम दृश्य देखने का अद्भुत अनुभव होता है। सज्जनगढ़ पैलेस को 1884 में महाराणा सज्जन सिंह द्वारा निर्माण कराया गया था,यह ईमारत राजपूत शासकों की भव्यता का एक आदर्श उदाहरण है।
महल को मानसून मे हाल जानने के लिए बनाया था,सज्जनगढ़ पैलेस उदयपुर में घूमने के लिए भी एक अच्छी जगह है। यहा से उदयपुर शहर और उदयपुर शहरकी आश्चर्यजनक झीलों, पहाड़ों और महलों के शानदार मनोरम दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यह राजसी महल वास्तव में देखने लायक है, खासकर शाम को जब सूर्यअस्त होता है।
Chittaurgarh Fort Udaipur tourist place

चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान का सबसे बड़ा और प्राचीन किला है, जिसे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों में एक प्रमुख स्थान प्राप्त है। चित्तौड़गढ़ किला न केवल अपनी अद्भुत वास्तुकला कला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की वीरता, बलिदान और साहस की गाथाएं इसे और भी महान बनाती हैं। यह किला मेवाड़ राजवंश के शासकों की वीरता और स्वाभिमान का प्रतीक है, जिनमें महाराणा प्रताप और रानी पद्मिनी जैसे नाम जुड़े हुए हैं।
चित्तौड़गढ़ किला भारत के गौरवशाली इतिहास का साक्षी है, और यह यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। चित्तौड़गढ़ विशाल किला एक भव्य और शानदार संरचना है जो चित्तौड़गढ़ के शानदार इतिहास को बताता है। इतिहास के अनुसार इस किले का निर्माण मौर्य ने 7 वीं शताब्दी के दौरान करवाया था। यह शानदार किला 180 मीटर ऊँची पहाड़ की पर स्थित है और लगभग 700 एकड के छेत्रफल में फ़ैली हुई है। यह वास्तुकला प्रवीणता का एक प्रतीक है।
Jagadeesh Temple Udaipur tourist place

जगदीश मंदिर उदयपुर का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण मंदिर है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर में भगवान विष्णु की काले पत्थर की मूर्ति बहुत मनमोहन है,ओर मंदिर की नक्काशी और वास्तुकला अद्भुत है। यहां हर साल हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने आते हैं। मंदिर का निर्माण महाराणा जगत सिंह ने करवाया था। ओर यह मंदिर सिटी पैलेस उदयपुर के बड़ी पोल प्रवेश द्वार के पास स्थित हैं , मंदिर तक पहुंचने के लिये आपको कुछ सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। यहा सामने पीतल की गरुड़ प्रतिमा भी है। इसके अलावा सूर्य देव, भगवान गणेश, भगवान शिव और देवी शक्ति को समर्पित कई अन्य मंदिर हैं। यहाँ सूर्यास्त की आरती एक अद्भुत अनुभव करती है।
उदयपुर घूमने का सही समय
उदयपुर मे घूमने घूमने का सबसे अच्छा समय मानसून का मौसम का होता है, इस दौरान यहां की झीलों और पहाड़ियों का सौंदर्य निखर जाता है। झीलों में पानी भर जाता है, आरवाली पर्वतमलाये के चारों ओर हरियाली छा जाती है, जिससे कारण शहर की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है। इस मॉसम मे उदयपुर घूमने का अहसास अद्भुत होता है। इसके अलावा उदयपुर में घूमने का अच्छा समय सर्दियों के मॉसम मे भी होता है, जब यहां का तापमान ठंडा रहता है। उदयपुर में सर्दियों का मौसम अक्टूबर से मार्च तक होता है। जो घुमने के लिए एकदम सही है।
उदयपुर घूमने कैसे जाएं
उदयपुर राजस्थान का मुख्य टुरिस्ट स्थलों मे से एक है, जहा हर साल देश ओर दुनिया भर से लाखों पर्यटक आते है। उदयपुर भारत के हर बेड़े शहर से रेल, सड़क ओर हवाई मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। भारत से किसी भी शहर से आप उदयपुर आसानी से पहुँच सकते है, उदयपुर तक पहुंचने के कई रास्ते हैं। यहां हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है। आइए जानते हैं, उदयपुर कैसे जाएं।
हवाई मार्ग से उदयपुर घूमने कैसे जाये
उदयपुर का निकटतम हवाई अड्डा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा (दबोक एयरपोर्ट) है, जो उदयपुर शहर से लगभग 22 किमी दूर है। यह एयरपोर्ट जयपुर, दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से आप टैक्सी या कैब द्वारा आसानी से उदयपुर शहर तक पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग से उदयपुर घूमने कैसे जाये
उदयपुर रेलवे स्टेशन प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां से दिल्ली, जयपुर, मुंबई और अहमदाबाद जैसी जगहों के लिए नियमित ट्रेनें चलती हैं। ट्रेन से यात्रा करना बजट फ्रेंडली और सुविधाजनक होता है।
सड़क मार्ग से उदयपुर घूमने कैसे जाये
उदयपुर राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। अगर आप अपने वाहन या बस से यात्रा कर रहे हैं, तो यह एक बढ़िया विकल्प है। दिल्ली से अहमदाबाद जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 8 (NH 8) पर उदयपुर आता है, यहां राजस्थान राज्य परिवहन की बसें और प्राइवेट बसें भी उपलब्ध हैं, जो जयपुर, जोधपुर और अन्य शहरों से उदयपुर के लिए चलती हैं।
उदयपुर एक ऐसा शहर है जो अपनी सांस्कृतिक धरोहरों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां की झीलें, महल, मंदिर और बाग-बगीचे इसे एक परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाते हैं। चाहे आप इतिहास प्रेमी हों, प्रकृति प्रेमी हों, या सांस्कृतिक समृद्धि का अनुभव करना चाहते हों, ओर अगर आप अपनी अगली छुट्टियों की योजना बना रहे हैं, उदयपुर में हर किसी के लिए बेस्ट प्लेस है।
FAQs
1. उदयपुर घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
उदयपुर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है, जब मौसम ठंडा और सुहावना होता है।
2. उदयपुर में प्रमुख पर्यटन स्थल कौन से हैं?
उदयपुर में सिटी पैलेस, लेक पिचोला, सज्जनगढ़ पैलेस, सहेलियों की बाड़ी, और जग मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
3. उदयपुर में कितने दिन रुकना चाहिए?
उदयपुर को अच्छे से घूमने के लिए 3-4 दिन का समय पर्याप्त होता है।
4. उदयपुर में बोटिंग के लिए कौन सी झीलें प्रसिद्ध हैं?
लेक पिचोला और फतेह सागर झील बोटिंग के लिए प्रसिद्ध हैं।
5. क्या उदयपुर परिवार के साथ घूमने के लिए सुरक्षित है?
हां, उदयपुर एक सुरक्षित शहर है और यहां परिवार के साथ आराम से घूम सकते हैं।