Nathu la Pass: परमिट, लागत नाथुला पास घूमने की पूरी जानकारी
नाथुला दर्रा (Nathu La Pass) भारत के सिक्किम राज्य में स्थित एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। यह दर्रा भारत और तिब्बत के बीच ऐतिहासिक सिल्क रूट का हिस्सा है, और यह समुद्र तल से लगभग 14,140 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। नाथुला दर्रा प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व और साहसिक अनुभवों का बेजोड़ संगम है। नाथूला पास हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है, जो भारत के सिक्किम राज्य और दक्षिण तिब्बत में चुम्बी घाटी से जुड़ा हुआ है।
Nathu la Pass भारत के राज्य सिक्किम की राजधानी गान्तोक शहर से 56 किलोमीटर पर स्थित है। यहा केवल भारतीय नागरिक ही यहाँ जा सकते हैं, और इसके लिए भी उन्हें गान्तोक से पास बनवाना होता है। भारत और चीन के बीच 1962 में हुए युद्ध के बाद इसे बंद कर दिया गया था। लेकिन फिर साल 2006 में व्यापार समझौतों के बाद नाथू ला पास को वापस खोला गया। नाथूला पास में हिन्दू और बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है।
Nathu la Pass Information In Hindi
सिक्किम का नाथुला दर्रा घुमना हर किसी का एक सपना होता है, जो शोरगुल शहर के भीड़ भाड़ जीवन से दूर हिमालय की गोद में शांत ओर सुंदर जगह है। ओर नाथुला पास सुद्ध और सुखद जलवायु के लिए जाना जाता है। इस दर्रे की सुंदरता हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसे भारत-चीन सीमा के चौराहे पर सबसे महत्वपूर्ण मार्गों में से एक माना जाता है। यदि आप सिक्किम की खुबसूरत जगह देखना चाहते हे, तो प्रसिद्ध नाथुला दर्रे की यात्रा निश्चित रूप से सिक्किम में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह मे से एक है।
Nathula Pass History in hindi
नाथुला पास आज भारत चीन सीमा जोड़ता बॉडर है, लेकिन 7 दसक पहले यह नाथुला पास भारत तिब्बत का प्रवेश द्वार था। फिर चाइना ने तिब्बत को हथिया लिया, जब पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना ने 1959 में तिब्बतीयो का दमन किया था। जिसके चलते भारत साकार ने इसे बंद कर दिया, जिसके चलते यह लगभग चार दशक तक नाथुला पास को सील रखा गया था। फिर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2003 में इसे फिर से शुरू किया गया। नाथुला दर्रा जब से खोला गया है, एक आधिकारिक सीमा कार्मिक बैठक के रूप में कार्य करता है।
Best time to visit Nathu La Pass in hindi
मार्च से अक्टूबर के बीच नाथुला जाने का बेहतर समय है। सर्दियों के दौरान यहां का तापमान -27 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। पर्यटको को सांस की दिक्कत भी हो सकती है। यहां का तापमान अत्यधिक कम होता है। गर्मी के मौसम में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। पर्यटकों को भारी बारिश और भूस्खलन की उच्च संभावना के कारण जून से सितंबर के दौरान इस जगह का दौरा नहीं करने की सलाह दी जाती है। पर्यटकों के लिए नाथुला दर्रा जाने के लिए सबसे अच्छा समय महीने मई से अक्टूबर का होता हैं।
नाथुला पास कौन जा सकता है?
नाथुला दर्रे पर केवल उन भारतीय नागरिकों द्वारा ही जाया जा सकता है जो वैध परमिट रखते हैं। भारतीय नागरिक पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग को परमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं। सिक्किम जाते समय आप अपनी ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं। पास परमिट की लागत INR 200 प्रति व्यक्ति है।
Nathu La Pass के आस पास घूमने की जगह
भारत चीनी की सीमा पर स्थित Nathu la Pass सिक्किम का मुख्य पर्यटन स्थल है। जहाँ हर साल लाखों पर्यटक ट्रैकिंग और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं। गंगटोक से नाथूला तक रास्ते में कई खूबसूरत झरने ओर बर्फ की चोटियों को देखने का अवसर मिलता हैं। इनके अलावा यह क्षेत्र हिमालय के वन्यजीवों जैसे तिब्बती गजले, हिम तेंदुए, याक, तिब्बती भेड़िये है जिन्हें यहाँ घूमते हुए देखे जा सकता है। ओर यह कई प्रसिद्ध मंदिर है, जो बहुत ही खूबसूरत है। जो इस दर्रे पर्यटन की नजर मे चार चाँद लगाते है।
Nathu La Pass के पास बाबा हरभजन सिंह मंदिर
नाथुला की सड़क पर स्थित बाबा हरभजन सिंह मंदिर नाथुला का एक प्रमुख धार्मिक स्थल और पर्यटक स्थल है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और बाबा हरभजन सिंह की समाधि पर बनाया गया है। बताया जाता है, कि 35 साल पहले सिपाही हरभजन सिंह पूर्वी सिक्किम में तुक्ला मे गस्त के दोरान् लापता हो गए थे। जब लापता होने की जानकारी मिली तो उनकी खीज की गई। तीन दिनों की खोजबीन करने के बाद उनकी बॉडी मिली।
हरभजन सिंह की बॉडी मिलेने के बाद, सैनिकों की टुकड़ी के कई सैनिकों ने दावा किया कि हरभजन सिंह उनके सपनों में आकर उन्हें अपनी याद में एक मंदिर बनाने का निर्देश दे रहे हैं। सैनिकों की बातों को मानते हुए, उनकी स्मृति में ‘बाबा हरभजन सिंह स्मारक मंदिर’ का निर्माण किया गया। बाबा हरभजन सिंह को आज भी गस्त करते हुए देखे जाने का दावा किया जाता है। यह मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था का केंद्र है।
Tsomo Lake Nathu la Pass
त्सोमो झील के रूप में लोकप्रिय यह पर्यटन स्थान बेहद रमणीय दृश्य प्रस्तुत करता है, और यहा आने वाले हर यात्री के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस झील के पानी का रंग मौसम के अनुसार बदलत रहता हैं, आमतौर पर सर्दियों के दौरान यह झील जम जाती हैं। इस दोराना पर्यटक झील के ऊपर चहल कदमी करते नजर आते है ।
Nathu la Pass के नजदीक मंदाकिनी झरना
नाथुला पास के निकट मंदाकिनी झरना (Mandakini Waterfall) एक शानदार प्राकृतिक आकर्षण है। यह झरना अपनी अद्भुत सुंदरता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। पहाड़ों के बीच से गिरता हुआ यह झरना पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है और यहां का दृश्य बेहद मनमोहक होता है। यह जगह सुंदर वादियों, आसपास के हरे-भरे पेड़ों ओर पहाड़ी वनस्पतियों से घिरा हुआ है, जो इसे एक आदर्श पिकनिक स्थल बनाता है। मंदाकिनी झरने का साफ और ठंडा बहुत सुंदर दिखाई देता है। आप नाथुला पास की यात्रा पर हैं, तो मंदाकिनी झरने पर जरूर जाये। यह जगह शांति और प्रकृति प्रेमियों ओर फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए एक शानदार स्थान है।
Nathu La Pass कैसे पहुँचें
Nathu la Pass गंगटोक से लगभग 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, गंगटोक सिक्किम की राजधानी होने के कारण भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। आप गंगटोक भारत के किसी भी शहर से हवाई जहाज, ट्रेन, बस से आसानी से पहुँच सकते है। यहाँ पहुँचने के बाद आप को सड़क मार्ग से यात्रा करना है। नाथुला दर्रा गंगटोक से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, इसलिए गंगटोक पहुँचने के बाद आप स्थानीय टैक्सी या वाहन किराए पर लेकर आसानी से नाथुला दर्रा पहुँच सकते हैं।
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