Nahargarh Fort Jaipur : इतिहास,स्थान,समय,प्रवेश शुल्क
Nahargarh Fort Jaipur – भारत के गुलाबी नगर {jaipur} में कई शानदार ओर प्रसिद्ध पर्यटक है, जयपुर की विशाल अरावली पर्वतमाला पर नाहरगढ़ किला [ Nahargarh Fort] स्थित है, यह Nahargarh Fort जयपुर के मुख्य टुरिस्ट प्लेस मे से एक है। नाहरगढ़ किले से जयपुर शहर के शानदार दृश्य दिखाई देता है। यह किला अपने भव्य संरचना के कारण आने वाले यात्रियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है, जो लगभग 300 सालों से अपने गौरवशाली अतीत और अपने विसल परिसर के कारण पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है।
Nahargarh Fort Jaipur : History, Location, Timings, Entry Fee
नाहरगढ़ किला राजस्थान की राजधानी जयपुर में उत्तर – पश्चिम में अरावली की पहाड़ी पर स्थित हैं। यह किला जयपुर के राजा सवाई जय सिंह द्वारा बनाया गया था। पीले रंग का नारहगढ़ किला गुलाबी नगर की खूबसूरती में चार चांद लगाता है। नाहरगढ़ का किला शहर के लगभग हर कोने से नजर आता है। इस किले को देखना निश्चित ही आनंदमयी और मनमोहक होता है।
आमेर किले और जयगढ़ किले के साथ नाहरगढ़ किला भी जयपुर शहर को कड़ी सुरक्षा प्रदान करता है। असल में किले का नाम पहले सुदर्शनगढ़ था लेकिन बाद में इसे नाहरगढ़ किले के नाम से जाना जाने लगा। इस किले का नामकरण जयपुर के राजकुमार नाहर सिंह के नाम पर किया गया था। कहा जाता है कि राजकुमार की आत्मा, इस किले के निर्माण में काफी बाधा पहुंचाती थी जिसके बाद किले के परिसर में एक मंदिर का निर्माण करवाया गया जिसमें राजकुमार की आत्मा की शांति के लिए काफी प्रयास किए गए थे।
Nahargarh Fort की कहानी
एक कथा यह भी हैं की वनक्षेत्र होने के कारण यहां बाघ विचरण करते थे। यह राजपरिवार की शिकारगाह भी थी। स्थानीय भाषा में बाघ और शेर को लोग नाहर कहते थे। इसलिए इसे नाहरगढ कहने लग गए। कुछ लोग इसे टाइगर फोर्ट भी कहते है।
नाहरगढ़ किले का इतिहास – Nahargarh Fort Jaipur History in Hindi
नाहरगढ़ किले का निर्माण सवाई जयसिंह द्वितीय के समय में शुरू हुआ और बाद के शासकों ने उसमें कई निर्माण कराएं। उन्होंने किले के अंदर ही एक छोटा सा महल डिजाइन करने को कहा जो छुट्टी की सैरगाह हो। इतिहासकारों के अनुसार, सवाई रामसिंह ने यहां 1868 में तथ उसके बाद सवाई माधोसिंह ने 1883 से 1892 के बीच यहां लगभग साढ़े तीन लाख रूपए खर्च कर कई महत्वपूर्ण निर्माण कराए और नाहरगढ़ को वर्तमान रूप दिया।
अरावली की पहाड़ी पर स्थित पीले रंग का नारहगढ़ किला पहले आमेर की राजधानी हुआ करता था। इस किले पर कभी किसी ने आक्रमण नही किया था लेकिन फिर भी यहाँ कई इतिहासिक घटनाये हुई है, जिसमे मुख्य रूप से 18 वी शताब्दी में मराठाओ की जयपुर के साथ हुई लढाई भी शामिल है। 1847 के भारत विद्रोह के समय इस क्षेत्र के युरोपियन, जिसमे ब्रिटिशो की पत्नियाँ भी शामिल थी, सभी को जयपुर के राजा सवाई राम सिंह ने उनकी सुरक्षा के लिये उन्हें नाहरगढ़ किले में भेज दिया था।
Jantar Mantar Jaipur की जानकारी
नाहरगढ़ किला जयपुर की वास्तुकला Architecture of Nahargarh Fort Jaipur in Hindi
जयपुर में घूमने के लिए सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थलों में से एक नाहरगढ़ किला, रजपूतनी शैली की वास्तुकला में बनाया गया है। यह नाहरगढ़ किले का मुख्य आकर्षण भी है जिसे विद्याधर भट्टाचार्य ने डिजाइन किया था। भट्टाचार्य ने ही जयपुर का गुलाबी शहर भी डिज़ाइन किया था। इस भवन की आंतरिक साजसज्जा खूबसूरत भित्ति चित्रों और स्टको डिज़ाइन से की गई है। नाहरगढ़ किले का इस्तेमाल खासतौर पर शाही महिलाओं द्वारा किया जाता था।
नाहरगढ़ किला जयपुर का परिसर ओर छेत्रफल Complex and area of Nahargarh Fort Jaipur
जयपुर का नाहरगढ़ किला विसाल छेत्रफल मे फेला है, किले में एक भव्य प्रवेश द्वार है, जिसे ताड़ीगेट कहा जाता है, और नाहरगढ़ किले के परिसर में कई प्रभावशाली प्राचीन इमारते हैं। किले के परिसर के अंदर दो मंदिर हैं, जिनमें से एक नाहर सिंह भोमिया को समर्पित है और दूसरा जयपुर के शासकों को समर्पित है। किले की विसाल दीवारें कई किलोमीटर तक फैली हुई हैं।
इस किले में की मुख्य इमारत को माघवेन्द्र महल के नाम से जाना जाता है। माधवेंद्र भवन उर्फ माधवेंद्र पैलेस Nahargarh Fort का भीतर सबसे आकर्षक इमारत है। माघवेन्द्र महल का निर्माण सवाई माधो सिंह ने करवाया था, इस दो मंजिला महल परिसर में राजा ने अपनी 9 रानियों के लिए अलग-अलग रहने के लिए 9 महल बनाए थे।
रानियों के लिए बनाए गए नौ और महल के रास्ते माघवेन्द्र महल से परस्पर जुड़े हुए है। इन महलों के नाम नाम सूरज प्रकाश महल, चंद्र प्रकाश महल, आनन्द प्रकाश महल, जवाहर प्रकाश महल, लक्ष्मी प्रकाश महल, रत्न प्रकाश महल, ललित प्रकाश महल, बसंत प्रकाश महल और खुशाल प्रकाश महल है।
यह 9 महल महाराजा की नौ पत्नियों के लिए बनवाए गए थे। जिनमें से प्रत्येक में बेडरूम, एक लॉबी, एक रसोई और अन्य आवश्यक हॉल हैं। ये सभी महल शानदार चित्रों से सजे गलियारों से जुड़े हुए थे, इन महलों इस तरह से बनाया गया था, कि राजा अपनी किसी भी रानी से दूसरी रानियों की जानकारी के बिना मिल सकता था।
इमारत में एक बड़ा खुला परिसर भी शामिल है जिसे दीवान-ए-आम कहा जाता है, जहाँ राजा अपनी प्रजा से मिलते थे और उनकी शिकायतों का समाधान करते थे। नाहरगढ़ किले में दो सीढ़ीदार घाट भी हैं। इनमें से सबसे बड़ा घाट किले के बाहर है और इसे बॉलीवुड की फिल्मों में भी दिखाया गया है। हिंदी फिल्म रंग दे बसंती और शुद्ध देसी रोमांस और बंगाली फिल्म सोनार केल्ला के कुछ दृश्य को नाहरगढ़ किले में ही शूट किया गया है। इसके साथ जोधा अकबर के भी बहुत से दृश्यों को यहाँ शूट हुवा हैं।
वर्तमान में यहां नाइट ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए Nahargarh Fort मे कैफेटेरिया, रेस्टोरेंट आदि की सुविधा है। जहां रात को देर तक पर्यटक बैठकर राजस्थानी भोजन का लुत्फ उठा सकते है। ओपन थियेटर में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। पर्यटकों को Nahargarh Fort से रात में जयपुर शहर का नजारा भी दिखाया जाता है।
नाहरगढ़ किले के आस-पास टुरिस्ट प्लेस – tourist places around Nahargarh Fort jaipur
गुलाबी नगर {jaipur} में कई शानदार ओर प्रसिद्ध पर्यटक है,नाहरगढ़ किल के आस पास बहुत सारे जयपुर के लोकप्रिय टुरिस्ट है, जो यात्रियों के लिए जयपुर शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर कुछ शांत पल बिताने के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। जयपुर में इस आकर्षक किले के आस पास बहुत सारे जयपुर के लोकप्रिय टुरिस्ट।
जल महल जयपुर ( 5 किमी )
आमेर किला जयपुर ( 9.7 किमी )
जयगढ़ किला जयपुर (6.3 किमी )
सिटी प्लेस जयपुर ( 7 किमी)
हवा महल जयपुर (7.9 किमी)
Jantar Mantar Jaipur { 7.5 km }
नाहरगढ़ किला कहां स्थित है?
भारत में राजस्थान के जयपुर में स्थित है।
नाहरगढ़ किला की स्थापना कब हुई?
नाहरगढ़ किले की स्थापना 1734 में हुई।
नाहरगढ़ किला का निर्माण किसने करवाया?
महाराज सवाई जयसिंह द्वितीय ने।
नाहरगढ़ किला पर्यटकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
यह किला सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक खुला रहता है। और रविवार को भी खुला रहता है।
Nahargarh Fort Jaipur Entry Fee: ₹ 50 for Indians; ₹ 200 for foreigners
Nahargarh Fort Jaipur घूमने का सही समय
अगर आप घूमने का विचार बना रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि वैसे तो जयपुर मे पूरी साल में आप कभी भी जा सकते हैं , लेकिन जयपुर मे घूमने का सबसे अछ समय मानसून का होता है, अप्रैल से जुलाई के महीनों में राजस्थान में गर्मी पड़ती है और तापमान अधिक पहुँच जाता है इसलिए आप अगस्त से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और जयगढ़ किला बेहत खुबसूरत लगता है।
Nahargarh Fort Jaipur कैसे पहुंचें?
राजस्थान की राजधानी जयपुर देश के लगभग हर शहर ओर महानगर से सड़क, हवाई और रेल द्वारा पहुँचा जा सकता है। आप जयपुर जिस मार्ग से जाना चाहो वहा से आसानी से पहुँच सकते हो । नाहरगढ़ किला जयपुर से 11 किलोमीटर दूर स्थित है,
नाहरगढ़ किला जयपुर शहर के अलग-अलग हिस्सों से टैक्सी, बस या साइकिल-रिक्शा द्वारा पहुंचा जा सकता है। कैब और टैक्सियों को पहले से बुक किया जा सकता है या आप जिस होटल में ठहरे हैं, वहां से किराए पर लिया जा सकता है। रिक्शा जयपुर में परिवहन का पारंपरिक साधन हैं।
Rajasthan Tourist places in Hindi
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