Hawa Mahal – राजस्थान अपनी प्राचीन संस्कृति-खूबसूरत पहनावा, स्वादिस्ट व्यंजनों के लिए पूरी दुनिया प्रसिद्ध हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर (गुलाबी नगर) की बात ही कुछ और है। जहा हर साल देश विदेश करोड़ों लोग गुलाबी रंग के शहर ( जयपुर ) घूमने आते है। जयपुर के राजा-महाराजाओं के ऐतिहासिक किले और वास्तुकला लोगों को अपनी तरफ खूब आकर्षित करती है, जयपुर के टुरिस्ट प्लेस काफी लोकप्रिय है, हवा महल जयपुर का ऐसा ही एक टुरिस्ट प्लेस है, जो पर्यटकों की पहली पसंद है, जयपुर का हवा महल है।
जानें जयपुर की शान Hawa Mahal का इतिहास ओर पूरी जानकारी
हवा महल जयपुर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, जो अपनी गुलाबी रंग की पाँच मंजिल इमारत और हजारों जालीदार खिड़कियों की वजह से दूर-दूर तक लोकप्रिय है। यह दुनिया की एकमात्र ऐसी इमारत है, जो सालों से बिना किसी नींव के खड़ी है। यही एक वजह भी है, कि ये इमारत टूरिस्ट को अपनी ओर आकर्षित करती है। क्या आपको पता है कि इस खूबसूरत इमारत का नाम हवा महल क्यों पड़ा? यह इमारत बिना नीव के कैसे खड़ी है, हम आपको हवा महल से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों को बता रहे हैं।
हवा महल का इतिहास – History of Hawa Mahal In Hindi
हवा महल का निर्माण कछवाहा राजपूत शासक महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था। महाराजा सवाई प्रताप सिंह भगवान श्री कृष्ण के बहुत बड़े भक्त थे। इसलिए महाराज ने हवा महल को भगवान श्री कृष्ण के मुकट के आकार का बनाया, इस हवा महल को सवाई प्रताप सिंह ने वर्ष 1799 में करवाया था। आज यह महल जयपुर के सबसे अट्रैक्टिव टूरिस्ट प्लेस में से एक है। यह एक पांच मंजिला इमारत है, जो ठोस नींव की कमी की वजह से 87 डिग्री के कोण पर झुका हुआ है।
इस पांच मंजिला संरचना को लाल चंद उस्ताद ने डिजाइन किया था। जो सिटी पैलेस के किनारे पर स्थित है, हवा महल बडी चॉपड़ के मुख्य बाजार मे स्थित है, हवा महल को बनाने का मुख्य उदेश्य राजसी महिलाओं बाजार मे होने वाले घटना कर को दिखाना था। उन दिनों, पर्दा प्रथा पालन किया जाता था और रॉयल राजपुर की महिलाओं को अजनबियों को अपना चेहरा दिखाने की अनुमति नहीं होती थी। हवा महल में 953 खिड़कियाँ ओर झरोखे हैं, जिससे महारानी ओर राजकुमारी नीचे सड़क पर होने वाली दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों और उत्सवों की झलक देख पाती।
पांच मंजिला हवामहल की डिजाइन – Design of five storey Hawa Mahal
हवा महल अपने नाम के अनुसार सीतल हवा का एहसास करता है, इसकी बनावट की कलाकारी भी अद्भुत है। इस पांच मंजिला इमारत को लाल चंद उस्ताद ने डिजाइन किया था। राजस्थान की तपती गर्मी मे भी हवा महल मे गर्मी का एहसास न हो, इसलिए महल में 953 छोटी-छोटी खिड़कियां हैं। इस पाँच मंजिला इमरत मे उपेर जाने की सिडिया नहीं है। हवा महल के सबसे ऊपरी हिस्से तक पहुंचने के लिए पर्यटक रैंप का इस्तेमाल करते हैं।
हवा महल की वास्तुकला – Architecture of Hawa Mahal
जयपुर के मुख्य टुरिस्ट प्लेस मे से एक हवा महल घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है, इस हवा महल में राजपूत स्थापत्य शैली की झलक देखने को मिलती है। इसकी गुंबददार छतरियाँ, फूलों के पैटर्न, कमल की आकृतियाँ और नालीदार खंभे, यह सभी समृद्ध राजपूत शैली को दर्शाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस महल में 953 छोटे-छोटे झरोखा बनाए गए है।ओर इन पर बहुत ही बारीकी से सुंदर नक्काशी की गई है।
इन्हें बनवाने की वजह भी बेहद ही खास बताई जाती है।जो उस जमाने मे शाही परिवार की महिलाओं जुड़ी है, यह शाही परिवार की महिलाओं हवा महल से बाहर बड़ी चॉपड़ बाजार मे होने वाले कार्यक्रमों और नाटकों को वो इन झरोखों से ही देखती थीं। इन खिड़कियों को बहुत ध्यान से बनवाया गया था ताकि महिलाओं को बाहर का नजारा देखने में जरा भी असुविधा न हो।
लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से हवा महल को डिज़ाइन किया गया, यह अपनी तरह का अनूठा महल है। इसमें पाँच मंज़िलें हैं और यह 50 फ़ीट की ऊँचाई तक जाता है। महल के सामने के हिस्से में मौजूद 953 खिड़कियाँ इसे छत्ते जैसा लुक देती हैं। इन खिड़कियों पर असाधारण जालीदार काम की बदौलत, हवा के इनसे अंदर आने पर महल में ठंडक का एहसास होता है।
Hawa Mahal Information:
Hawa Mahal Location | Badi Choupad, Jaipur |
Hawa Mahal Timings | 9:00 am to 4:30 pm; every day |
Hawa Mahal Entry Fee | ₹ 50 for Indians; ₹ 200 for foreigners |
Hawa Mahal Year of Establishment | 1799 |
Hawa Mahal Height | 50 meters |
Hawa Mahal Commissioned by | Maharaja Sawai Pratap Singh |
Hawa Mahal Material Used | Red and pink sandstone |
Hawa Mahal Also Knows as | Palace of Breeze |
Hawa Mahal Architect | Lal Chand Ustad |
Hawa Mahal Architectural Style | Rajput architectural styles |
कैसे पड़ा हवा महल नाम – How did Hawa Mahal get its name
हवा महल गर्मी के मौसम में महाराज ओर रानिओ के आराम करने की जगह थी। हवा महल इस तरह से डिज़ाइन किया गया था, कि हवा इस महल अंदर आती रहे, ताकि यहाँ रहने वाले लोगों को गर्मी के मौसम में थोड़ी राहत मिल सके। इसके नाम के पीछे भी एक दिलचस्प तथ्य है। कहा जाता है कि इस महल का नाम इसकी 5वीं मंजिल के नाम पर रखा गया था, जिसे हवा मंदिर के नाम से जाना जाता था।
हवा महल मे एंट्री सामने से नहीं पीछे से होती है
हवा महल की सबसे बड़ी मजेदार बात यह भी है कि इस महल में एंट्री आगे से नहीं बल्कि पीछे के दरवाजे से होती है।हवा महल के पीछे की ओर एक बड़ा प्रवेश द्वार है, आने वाले पर्यटकों को हवा महल मे इसी प्रवेश कराते हैं। ओर पर्यटक हवा महल के परिसर मे कदम रखते है, इस के बाद हवा महल के सबसे ऊपरी हिस्से पर जाया जा सकता है। यहां से आपको जंतर-मंतर, सिटी पैलेस बहुत अच्छे से दिखाई देते है।
जयपुर के हवा महल की कुछ रोचक जानकारी- Some interesting facts about Hawa Mahal in Jaipur
- हवा महल को ‘पैलेस ऑफ़ विंड’ भी कहा जाता है.
- हवा महल का निर्माण साल 1799 में जयपुर के कछवाहा महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था.
- इस पाँच मंजिल इमारत मे कोई सीडी नहीं है,
- इसे 953 झरोखे बनाए गए ताकि शाही जुलूस और बाजार मे होने वाले प्रोग्राम देखा जा सके.
- यह महल गुलाबी और लाल बलुआ पत्थर से बना है.
- इसमें 953 खिड़कियां और झरोखे हैं.
- हवा महल की खिड़कियों में रंगीन शीशे लगे हैं.
- जब सूरज की रोशनी इन शीशों से होकर कमरों में प्रवेश करती है, तो पूरा कमरा इंद्रधनुषी आभा से भर जाता है.
- यह महल भगवान कृष्ण को समर्पित है और कहा जाता है कि इसका आकार कृष्ण के मुकुट जैसा है.
- यह एक पांच मंजिला इमारत है, जो ठोस नींव की कमी की वजह से 87 डिग्री के कोण पर खड़ी है.
- यह दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है जो बिना नींव के बनी है.
- हवा महल, हिंदू वास्तुकला शैली की झलक देखने को मिलती है
हवा महल जयपुर की जानकारी – Information about hawa mahal Jaipur
हवा महल कहां स्थित है?
हवा महल भारत राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है।
हवा महल की स्थापना कब हुई?
आमेर किले की स्थापना 1799 में हुई।
हवा महल का निर्माण किसने करवाया?
हवा महल का निर्माण महाराज सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था।
हवा महल पर्यटकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
हवा महल सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक खुला रहता है। और रविवार को भी खुला रहता है।
हवा महल Jaipur Entry Fee: ₹ 50 for Indians; ₹ 200 for foreigners
जयपुर में हवामहल के पास पर्यटन स्थल – Tourist places near Hawa Mahal in Jaipur
जल महल जयपुर ( 3 किमी )
नाहरगढ़ किला जयपुर ( 6 किमी )
जयगढ़ किला जयपुर (7.3 किमी )
सिटी प्लेस जयपुर ( .7 किमी)
Jantar Mantar Jaipur { .5 km }
Hawa Mahal Jaipur घूमने का सही समय
अगर आप हवा महल जयपुर मे आप घूमने का विचार बना रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि वैसे तो जयपुर मे पूरी साल में आप कभी भी जा सकते हैं , लेकिन जयपुर मे घूमने का सबसे अछ समय मानसून का होता है, अप्रैल से जुलाई के महीनों में राजस्थान में गर्मी पड़ती है और तापमान अधिक पहुँच जाता है इसलिए आप अगस्त से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और हवा महल बेहत खुबसूरत लगता है।
Hawa Mahal Jaipur कैसे पहुंचें?
राजस्थान की राजधानी जयपुर देश के लगभग हर शहर ओर महानगर से सड़क, हवाई और रेल द्वारा पहुँचा जा सकता है। आप जयपुर जिस मार्ग से जाना चाहो वहा से आसानी से पहुँच सकते हो । हवा महल जयपुर के बस स्टॉप से 4.5 किलोमीटर दूर स्थित है,
हवा महल जयपुर शहर के अलग-अलग हिस्सों से टैक्सी, बस, बाइके , ई -रिक्शा द्वारा पहुंचा जा सकता है। कैब और टैक्सियों को पहले से बुक किया जा सकता है या आप जिस होटल में ठहरे हैं, वहां से किराए पर लिया जा सकता है।
Rajasthan Tourist places in Hindi
दोस्तों हम आशा करते हैं की इस आर्टिकल से आपको Hawa Mahal jaipur की पूरी जानकारी मिल गयी होगी, इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि उन्हें भी Hawa Mahal की जानकारी हो सके।