Chittorgarh Fort कहानी चित्तोड़गढ़ किले समृद्ध इतिहास की - Tourword

Chittorgarh Fort कहानी चित्तोड़गढ़ किले समृद्ध इतिहास की

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Chittorgarh Fort – राजस्थान अपनी संस्कृति और विरासत ओर वीरता के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय है। राजस्थान के वीर राजाओ के वीरता ओर उनके इतिहास समझने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। राजस्थान चित्तौड़गढ़ किला (Chittorgarh Fort) इन्हीं में से एक है, जो अपने गोरवशाली इतिहास के लिए पूरे उसव मे जाना जाता है। चित्तोडगढ़ किले का समृद्ध इतिहास ओर इस किले भव्यता देखने देश विदेश से हर साल लाखों पर्यटक चित्तौड़ आते हैं।

चित्तौड़गढ़किला त्याग और बलिदान की उन सैंकड़ों कहानियों का गवाह रहा हे , अपने अतीत पर चित्तौड़गढ़ किले को अभिमान है। इस वीर भूमि चित्तौडगढ़ में जन्म लेन वाले विरो ने अपनी जन्मभूमि के सामन में अपने लहू देकर इसका सम्मान किया ! चित्तौड़गढ़ किला आज मैं अपने इतिहास वीरतापूर्ण लड़ाइयों, महिलाओं के अद्भूत साहस की कई इतिहास रहे, चित्तौड़ की इस पावन धरा ने तो अन्याय और अत्याचार के खिलाफ ही लड़ना आज भी स्कूलों के पाठ्य पुस्तक में सिखाया जाता है।

Chittorgarh Fort का इतिहास

राजस्थान में स्थित चित्तौड़गढ़ किला भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे भारत के सबसे प्राचीन और विशाल किलों में से एक माना जाता है, जिसका निर्माण 7वीं शताब्दी में गुहिल वंश के राजा चित्रांगद मोरी द्वारा करवाया गया था। यह किला मेवाड़ राजवंश के शासकों का गढ़ था और इसकी भव्यता, राजपूत संस्कृति, वीरता और बलिदान की कई कहानियां यहाँ से जुड़ी हुई हैं। चित्तौड़गढ़ किला इतिहास में अपने तीन प्रमुख जोहरों, महान योद्धाओं और बलिदान की कहानियों के लिए प्रसिद्ध है।

Chittorgarh Fort : भारत की वीरता और बलिदान का प्रतीक

राजस्थान में स्थित चित्तौड़गढ़ किला भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे भारत के सबसे प्राचीन और विशाल किलों में से एक माना जाता है। यह किला मेवाड़ राजवंश के शासकों का गढ़ था और इसकी भव्यता, राजपूत संस्कृति, वीरता और बलिदान की कई कहानियां यहाँ से जुड़ी हुई हैं। चित्तौड़गढ़ किला इतिहास में अपने तीन प्रमुख जोहरों, महान योद्धाओं और बलिदान की कहानियों के लिए प्रसिद्ध है।

Chittorgarh For Story In Hindi

चित्तौड़गढ़ किले की कहानी राजपूत वीरता, आत्म-सम्मान और बलिदान की है। यह किला हमेशा राजपूतों के लिए गर्व का प्रतीक रहा है। किले की कहानी में रानी पद्मिनी का एक विशेष स्थान है। अलाउद्दीन खिलजी ने रानी पद्मिनी को पाने के लिए चित्तौड़गढ़ पर हमला किया था, लेकिन रानी ने आत्म-सम्मान और अपने पति के प्रति निष्ठा दिखाते हुए अन्य महिलाओं के साथ जोहर कर लिया। इस घटना ने राजपूत समाज में साहस और बलिदान का एक अमिट संदेश छोड़ा।

इसके अलावा, राणा सांगा जैसे योद्धा भी इस किले का हिस्सा रहे हैं। राणा सांगा ने कई आक्रमणों का सामना किया और अपनी वीरता से इस किले को मुगलों और अन्य बाहरी आक्रमणकारियों से बचाया। महाराणा प्रताप, जो राणा सांगा के वंशज थे, ने भी इस किले से प्रेरणा पाई और मुगलों के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया।

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चित्तौड़गढ़ किला का छेत्रफल – Area of ​​Chittorgarh Fort

चित्तौड़गढ़ किला का छेत्रफल - Area of ​​Chittorgarh Fort
चित्तौड़गढ़ किला का छेत्रफल – Area of ​​Chittorgarh Fort

चित्तौड़गढ़ विशाल किला एक भव्य और शानदार संरचना है, यह शानदार किला 180 मीटर ऊँची पहाड़ की पर स्थित है और लगभग 700 एकड के छेत्रफल में फ़ैली हुई है। यह वास्तुकला प्रवीणता का एक प्रतीक है जो कई विध्वंसों के बाद भी बचा हुआ है। किले तक पहुँचने का रास्ता आसान नहीं है; आपको किले तक पहुँचने के लिए एक खड़े और घुमावदार पहाड़ी मार्ग से एक मील चलना होता है । इस किले में सात नुकीले लोहे के मजबूत दरवाज़े हैं जिनके नाम हिंदू देवताओं के नाम पर है । इस किले में कई सुंदर मंदिरों के साथ साथ रानी पद्मिनी और महाराणा कुम्भ के शानदार महल हैं। यह चित्तौड़गढ़ किला इस शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल है।

चित्तौड़गढ़ किला का महत्व

चित्तौड़गढ़ किला भारतीय इतिहास में केवल एक किला नहीं है, बल्कि यह राजपूत वीरता, आत्म-सम्मान और बलिदान का प्रतीक है। इस किले ने मेवाड़ के योद्धाओं को अपने देश और संस्कृति के लिए समर्पण का पाठ पढ़ाया। चित्तौड़गढ़ किला भारत के मुख्य युद्ध स्थानों में से एक है, जिसने तीन बार जोहर के माध्यम से बलिदान की महागाथा लिखी। किले की वास्तुकला और इस के परिसर मे मंदिर भी किले के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं। चित्तौड़गढ़ किला उन लोगों को आकर्षित करता है, जो भारतीय इतिहास और संस्कृति से जुड़ना चाहते हैं।

चित्तौड़गढ़ किले की वास्तुकला

महराणा प्रताप का नाम तो चित्तौड़गढ़ के राजा के तोर पर आज भी बड़े शान से लिया जाता है। चितौड़गढ़ का किला अभेद्य था, पहाड़ी परी स्थित होने के साथ-साथ इस किले के चारो और एक विशाल दिवार हुई थी, किले के में अंदर जाने के लिए सात मजबूत दरवाजे बनाए गये थे. दरअसल दुश्मनों के लिए किले के अंदर जाना नामुमकिन था. लेकिन, विशाल मैदान के बीच में पहाड़ी पर चितौड़गढ़ का किला बना है।

चित्तौड़गढ़ किले की वास्तुकला अद्वितीय और भव्य है। इसे राजस्थान की पारंपरिक स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना माना जाता है। किले के अंदर कई महल, जलाशय, मंदिर और स्तंभ हैं, जो इसकी वास्तुकला को और भी दर्शनीय बनाते हैं।

चित्तौड़ग किले में दो प्रमुख स्तंभ हैं: विजय स्तंभ और कीर्ति स्तंभ।

विजय स्तंभ का निर्माण राणा कुंभा ने मल्लिका के युद्ध में विजय के उपलक्ष्य में किया था। यह स्तंभ 9 मंजिल का है और इसे बहुत ही सुंदर नक्काशी से सजाया गया है।
कीर्ति स्तंभ जैन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है। यह स्तंभ भी अपने कलात्मक नक्काशी और निर्माण के लिए प्रसिद्ध है।

किले में कई मंदिर भी हैं, जैसे कालिका माता मंदिर, मीराबाई का मंदिर और कुंभा श्याम मंदिर। किले में 130 से अधिक जलाशय थे, जो यहां के लोगों की जल आपूर्ति के लिए बनाए गए थे।

चित्तौड़गढ़ का इतिहास

चित्तौड़गढ़ किले का आकर्षण – Attractions of Chittorgarh Fort In Hindi

चित्तौड़गढ़ किले का आकर्षण - Attractions of Chittorgarh Fort In Hindi 
चित्तौड़गढ़ किले का आकर्षण – Attractions of Chittorgarh Fort In Hindi

वीरो की धरती राजस्थान का ऐतिहासिक और खूबसूरत चित्तौड़गढ़ किला एक एतिहासिक पर्यटन स्थल है, इस किले की विशालता और ऊंचाई को देखते हुए कहा जाता है कि चित्तौड़गढ़ का पूरा किला देखने के लिए हौसले भी मजबूत होने चाहिएं। चित्तौड़गढ़ किले का विशेष आकर्षण इस किले के सात विशाल दरवाजे हैं। ये दरवाजे इतने विशाल आकार के है जो किसी दूसरे किले में देखने को नहीं मिलते।

किला परिसर में सैंकड़ों ऐतिहासिक और प्रचीन मंदिर हैं। पहाड़ की शिखा पर किले के परिसर में कई जलाशय भी किले को और आकर्षण और खूबसूरत बनाते हैं। इस किले सबसे खास आकर्षणों हैं यहां के दो पाषाणीय स्तंभ, जिन्हें कीर्ति स्तंभ और विजय स्तंभ के नाम से जाना जाता है। अपनी खूबसूरती, स्थापत्य और ऊंचाई से ये दोनो टॉवर पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते हैं। चित्तौड़गढ़ के इस किले के विभिन्न कला महल का नायाब नमूना हैं।

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चित्तौड़गढ़ किले मे घूमने की जगह – Places to visit in Chittorgarh Fort In Hindi

चित्तौड़गढ़ किला प्रसिद्ध टुरिस्ट स्थल है, इस किले के परिसर में बना राणा कुभा का महल, किले का का सबसे खास और खूबसूरत हिस्सा है। फोटोग्राफी के शौकीन पर्यटकों के लिए राणा कुभा महल मुकी आकर्षण का केंद्र हैं। महल के अंदर झीना रानी का महल, सुंदर शीर्ष गुंबद और छतरियां, झीना रानी महल के पास गौमुख कुंड आदि इस महल का खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं। किले में इसी कुंड के पास किले की रानियों और महिलाओं ने जौहर किया था।

चित्तौड़गढ़ किला मे घूमने की जगह कुंभश्याम मंदिर और विजय स्तंभ

इस विशाल किले के दक्षिणी में कुंभ श्याम मंदिर बना हुआ है। यह मीरां बाई का ऐतिहासिक और एक प्रसिद्ध मंदिर है। इसी मंदिर के नजदीक विजय स्तंभ बना हुआ है। यह नौ मंजिला शानदार स्तंभ राणा कुभा ने सन 1437 में मालवा के सुल्तान से यूद्ध पर विजय प्राप्त करने के बाद जित का प्रतीक के तौर पर बनवाया था।

चित्तौड़गढ़ किला मे घूमने की जगह महल एवं संग्रहालय

किले में आम प्रजा के लिए बनवाया गया दीवान-ए-आम एक खूबसूरत स्थान है, इस किले के चबूतरे पर स्थित जैन स्थल और फतेह प्रकाश पैलेस भी आकर्षण के प्रमुख केंद्र हैं। फतेह प्रकाश पैलेसे एक संग्रहालय है, जहा मध्य काल के अस्त्र शस्त्रों, मूर्तियों कलाओं और लोकजीवन में काम आने वाली प्राचीन वस्तुओं का बेहतरीन संग्रह किया गया है। यह संग्रहालय राणा कुंभा महल एक किनारे पर स्थित है, और यह बहुत ही खूबसूरत है।

चित्तौड़गढ़ किला मे घूमने की जगह पदि्मनी महल

पदमनी महल इस किले का खास हिस्सा है। किले के परिसर के बीच एक छोटे सरोवर के निकट पदमनी महल स्थित है, यह महल बहुत ही खूबसूरत है। इसी महल के नजदीक सूर्य भगवान को समर्पित एक ऐतिहासिक मंदिर है,जो आठवीं सताब्दी के सुंदर मंदिर का स्थापत्य देखना बहुत मन मोहक है। पदि्मनी महल का जनाना महल शीशे से निर्मित है। इस शीशमहल को देखकर पर्यटक मुग्ध हो जाते हैं।

चित्तोडगढ़ किले के सूरजपोल और कीर्ती स्तंभ से चारों ओर अरावली की हरी-भरी पहाड़ियों का नजारा किसी स्वर्ग से कम नहीं है । जीवन में एक बार चित्तौड़गढ दुर्ग को जरूर देखना चाहिए। यह बहुत ही दर्शनीय है।

चित्तौड़गढ़ किला कहां स्थित है – Where is Chittorgarh Fort located

चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान राज्य के चित्तौड़गढ़ शहर में स्थित है। यह किला उदयपुर से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह चित्तौड़गढ़ जिले का प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। चित्तौड़गढ़ किला  राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में स्थित है, और इसे मेवाड़ के नाम से भी जाना जाता है।

 

चित्तौड़गढ़ किले के 10 महत्वपूर्ण तथ्य

  1. चित्तौड़गढ़ किला भारत का सबसे बड़ा किला है।
  2. इसका निर्माण 7वीं शताब्दी में हुआ था।
  3. किला 700 एकड़ में फैला हुआ है और 180 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
  4. किला 7 प्रमुख द्वारों से सुरक्षित है, जिन्हें ‘पोल’ कहा जाता है।
  5. विजय स्तंभ और कीर्ति स्तंभ इसकी वास्तुकला के मुख्य आकर्षण हैं।
  6. चित्तौड़गढ़ किला यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
  7. किले में लगभग 130 जलाशय हैं।
  8. यहाँ तीन जोहर हुए, जिनमें हजारों महिलाओं ने आत्मबलिदान किया।
  9. किले का विजय स्तंभ 9 मंजिला है और यह राणा कुंभा द्वारा बनवाया गया था।
  10. किला मेवाड़ राजवंश का सबसे महत्वपूर्ण गढ़ था।

 

चित्तौड़गढ़ किला जाने का सही समय

चित्तौड़गढ़ किला घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। इस समय राजस्थान में ठंड का मौसम होता है, जो यात्रा के लिए अनुकूल होता है। गर्मियों के मौसम में यहाँ का तापमान बहुत अधिक हो जाता है, जिससे यात्रा थोड़ी कठिन हो सकती है।

चित्तौड़गढ़ किला कैसे जाएं

चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान राज्य के चित्तौड़गढ़ शहर में स्थित है। चित्तौड़गढ़ शहर भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप भारत के किसी भी शहर से हवाई जहाज, ट्रेन या बस के द्वारा चित्तौड़गढ़ पहुँच सकते हो।

चित्तौड़गढ़ का हवाई अड्डा : उदयपुर हवाई अड्डा चित्तौड़गढ़ के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है, जो लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

चित्तौड़गढ़ का रेल स्टेसन : चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

चित्तौड़गढ़ का बस स्टेंड : चित्तौड़गढ़ राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है। बस और टैक्सी सेवाएं भी यहां उपलब्ध हैं।

 

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