बीकानेर का जूनागढ़ किला/Junagadh Fort of Bikaner

25/10/2022

राजस्थान की धरती प्राचीन काल से वीरो की धरती रही है। राजस्थान की धरती में बसा है बीकानेर, बिकानेर में स्थित जूनागढ़ किला एक बहुत ही खूबसूरत और शानदार है। ये किला  बीकानेर शहर के बीचो बिच बसा हुआ है। इतिहास काल में इस किले को बीकानेर किले के नाम से बोला जाता था लेकिन 20 वीं शताब्दी में बीकानेर किले का नाम बदलकर जूनागढ़ रख दिया गया। जूनागढ़ किले की नीव सन 1478 में महाराजा राव बीका के द्वारा शुरू राखी गई थी, लेकिन इस भव्य और खूबसूरत संरचना का निर्माण 17 फरवरी 1589 को राजा राय सिंह द्वारा शुरू किया गया था। अगर आप इस खूबसूरत किले की सैर करना चाहते हैं तो बता दें कि जूनागढ़ का किला दिखने में बेहद आकर्षक और विशाल है, यहां आने वाले पर्यटकों कों अपनी तरफ खींचता है।

Junagadh Fort of Bikaner का इतिहास 

इतिहास के अनुसार Junagarh Fort पर कई बार दुश्मनों के द्वारा हनला किया गया था, परन्तु कभी इस किले को कोई हासिल नही कर सका। सिर्फ इतिहास के पन्नो में कामरान मिर्ज़ा नाम दर्ज है, कामरान मिर्जा मुग़ल बादशाह बाबर के दुसरे बेटे थे जिन्होंने सन 1534 में बीकानेर पर आक्रमण किया था। उसे भीकामरान मिर्जा ने जूनागढ़ को अपने नियंत्रण में कर लिया था, लेकिन एक दिन में ही उन्हें ये किला छोड़ना पड़ा था। और इसके बाद राजा राव जित सिंह बीकानेर पर शासन हो गया था। जूनागढ़ किले का निर्माण बीकानेर के शासक राजा राय सिंह के शासन काल में किया गया था, राजा राय सिंह ने सन 1571 से 1611 AD तक बीकानेर पर राज किया था। राजा राय सिंह ने 17 फरवरी 1589 जूनागढ़ किले का निर्माण शुरू किया जिसका काम 17 जनवरी 1594 को पूरा हुआ। जूनागढ़ किले के शेष भाग लक्ष्मी नारायण मंदिर के आस-पास बने हुए है।

राजा राय सिंह एक बहुत ही अच्छा कलात्मक व्यक्ति थे जो वास्तुकला का काफी ज्ञान रखते थे। उन्होंने इस किले को थार मरुस्थल के बीच एक बहुत ही भव्य और विशाल बनवाया। जूनागढ़ किले की संरचना दिखने में बेहद आकर्षक और खूबसूरत है। किले की वास्तुकला में कई संस्कृतियों का मिश्रण है, जिसकी वजह से जूनागढ़ किले की संरचना में इस पर राज करने वाले हर शासक का प्रभाव झलकता है।  इस किले को मुग़ल और राजस्थान की मिश्रण शैली से साफ नजर आती है ।

बीकानेर का जूनागढ़ किला

ये किला चतुष्कोणीय आकार में बना है, जो 1100 गज की छेत्र में फैला है, जो चारों और से लम्बी चौड़ी से दीवार से घिरा हुआ हैं। इस किले में प्रवेश के 2 द्वार हैं, करण प्रोल व चांद प्रोल। करण प्रोल पूर्व दिशा में बना है जिसमें 4 द्वार हैं और चांद प्रोल पश्चिम दिशा में बना  है, जो एक मात्र द्वार ध्रुव प्रोल से संरक्षित है। जूनागढ़ किला की बाहरी डिजाईन शानदार है ,  साथ ही कई महलों को घेरता है जूनागढ़ किले के अंदर कई महल हैं जिनकी अपनी अलगपहचान  है। महल की नक्काशीदार दीवारें, चित्र, इस्तेमाल किये गए संगमरमर और लाल पत्थर इस किले की भव्यता और सुंदरता को बढ़ाता हैं। जूनागढ़ किले के अंदर कुछ मुख्य महल है जिनके नाम अनुप महल, करण महल, गंगा महल, बादल महल और फूल महल है।

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