Ooty tourist places – ऊटी निलगिरी अर्थात नीले पहाड़ो में बसा एक खूबसूरत शहर है । ऊटी का मुख्य आकर्षक यहा के टुरिस्ट प्लेस है, ऊटी को पहाड़ो की रानी भी कहा जाता है। ऊटी को आधिकारिक रूप से उदगमंडलम कहा जाता है, दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित ऊटी प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो अपने मनमोहक वातावरण, हरे-भरे चाय के बागानों और खूबसूरत परिदृश्यों के कारण यह जगह भारत के सबसे प्रसिद्ध टुरिस्ट स्थलों में गिनी जाती है। ऊटी पर्यटन स्थल अपने शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस लेख में हम ऊटी के इतिहास, वास्तुकला, ऊटी पर्यटन स्थलों, ऊटी के महत्व और यात्रा से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों पर चर्चा करेंगे।
ऊटी का इतिहास
ऊटी का इतिहास बेहद समृद्ध है। तमिलनाडु का यह स्थान कभी तोडा जनजाति का निवास स्थान हुआ करता था। नीलगिरि के पश्चिमी घाट में बसे इस हिल स्टेशन पर, तोडा नामक जाति सदियों से रहती आई है। और आज भी यह जाति यहीं पर बसी हुई है। वैसे तो ऊटी क्षेत्र पर कई राजाओ और अधिपतियो का साम्राज्य रहा है। लेकिन ब्रिटिश काल में, मद्रास प्रेसीडेंसी के तत्कालीन कलेक्टर जॉन सुलिवन ऊटी की खूबसूरती से इतने प्रभावित हुए कि उसने ऊटी क्षेत्र में निवास करने वाली जनजातियो से जमीन खरीदने लगा।
ऊटी क्षेत्र पर सातवाहन, गंगास, कदंब, राष्ट्रकूट, होयसला, विजयनगर साम्राज्य और उम्मतूर के राजाओं का साम्राज्य रहा है। लेकिन ऊटी के विकास मे अंग्रेजो का भी काफी योगदान रहा है। ब्रिटिश राज के समय ऊटी को मद्रास की प्रेसिडेंसी की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया। संन 1820 के आस पास अंग्रेजो द्वारा ऊटी में विकासिल कार्यो को करवाया गया और इसे विकसित शहर स्थापित किया। ब्रिटिश शासकों ने ऊटी में बंगलों, चर्चों और गवर्नमेंट हाउस का निर्माण किया, जिससे यह शहर एक आकर्षक पर्यटन स्थल बन गया।
ऊटी की वास्तुकला
ऊटी की वास्तुकला में ब्रिटिश काल प्रभाव साफ दिखाई देता है। यहाँ के पुराने बंगलों की डिजाइन में यूरोपीय शैली का असर स्पष्ट देखा जा सकता है। ऊटी का सबसे प्रमुख चर्च ‘सेंट स्टीफन चर्च’ है, जो ब्रिटिश युग का अद्भुत नमूना है। इसके अलावा, ऊटी के कई सरकारी भवन और शिक्षण संस्थान भी ब्रिटिश वास्तुकला के उदाहरण हैं। चाय के बागानों के बीच बने सुंदर कॉटेज और होटल पर्यटकों को यहाँ के अतीत की एक झलक दिखती हैं।
ऊटी का महत्व
ऊटी का पर्यटन और सांस्कृतिक लिहाज से काफी महत्व बड़ा है। यह स्थान भारत के प्रमुख हिल स्टेशनों में से एक है और यहाँ का ठंडा मौसम साल भर पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करता है। ऊटी की चाय के बागान भारत और विदेशों में काफी प्रसिद्ध हैं, और यह स्थान चाय उद्योग के लिए एक प्रमुख केंद्र है। ऊटी का महत्व पर्यटन, चाय उत्पादन, और इसकी समृद्ध वनस्पति और वन्य जीव के लिए भी है।
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Top 10 Important Ooty tourist places Information In Hindi
ऊटी भारत के खूबसूरत पर्यटक स्थलों में एक है । दक्षिण भारत में नीले पर्वतों में बसा ऊटी शहर किसी स्वर्ग से कम नहीं है । प्रक्रति प्रमियो की ये मनपसन्द जगह है, ओर नव विवाहित जोड़ो के लिए ऊटी सबसे खुबसूरत हैनिमून प्लेस है । यहाँ हरियाली के बिच निलगिरी के पर्वतों को देखना बेहद सुखद अहसास करता है ।
ऊटी अपनी खूबसूरती के दुनिया भर में लोकप्रिय है । यहाँ बहुत मनोहरम द्रश्य देखने को मिलते है । जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी और खींचते है । दूर दूर तक तक फेली हरियाली ओर चाय के बागन पर्यटकों का मंत्रमुग्ध कर देते है । यहाँ काफी पर्यटक स्थल है जो देखने लायक है । ऊटी की यात्रा को यादगार बना देती है।
ऊटी झील Ooty tourist places Information In Hindi
यह झील ऊटी शहर के बीचोबीच स्थित है, यह बहुत ही खुबसूरत कृत्रिम झील है जिसे 1824 में जॉन सुलिवन द्वारा बनाया गया था। खुबसूरत रंग बिरंगे फूलो से घिरी ये झील सबका मन मोह लेती है। पर्यटक यहाँ मोटर बोट , पडेल बोट का भी लुप्त उठा सकते है। ये झील तिन किलोमीटर तक फेली है यहाँ पर्यटकों को रुकने के लिए वोटिंग हॉउस बोट भी बने हुए है । इस झील को देखने के लिए देश विदेश स काफी पर्यटक आते है । ऊटी झील के पास बच्चो के पार्क भी बना हुआ है । आप यहाँ बहुत मनोहरम द्रश्य देख सकते है ।
डोड्डाबेट्टा चोटी Ooty tourist places Information In Hindi
डोडाबेट्टा चोटी निलगिरी पर्वतों का सबसे ऊँचा पर्वत है। ये चोटी मुख्य शहर ऊटी से 8 किलोमीटर दुरी पर स्थित है । ओर इसकी समुद्र तल से लगभग 2,637 मीटर की ऊँचाई है। यहाँ से ऊटी और उसके आसपास के इलाकों का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। यह स्थान ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए बेहद लोकप्रिय है। इस पर्वत के ढलान में बागन है । और इसकी चोटी पर मोसम विभाग की वेधशाला भी है । मोसम साफ हो तो इस चोटी से दूर दूर तक के नज़ारे दिखाई देते है । यहाँ तक की कायंबटूर का मेदनी इलाका भी दिखाई देता है। इस चोटी का नजारा बहुत ही मनोहरम है।
बॉटनिकल गार्डन Ooty tourist places Information In Hindi
ऊटी का बॉटनिकल गार्डन शहर के मुख्य आकर्षणों में से एक है। इस गार्डन की स्थापना 1848 में की गई थी और यह लगभग 55 एकड़ में फैला हुआ है। बॉटनिकल गार्डन (वनस्पति उद्यान) मे विभिन्न प्रकार के पौधों और वृक्षों को संरक्षित, शोध और प्रदर्शनी के लिए उगाया जाता है। इन उद्यानों का मुख्य उद्देश्य पौधों की विविधता को संरक्षित करना, ओर उनके वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा देना, और आम जनता को पेड़ पोथों के प्रति जागृत करना है। बॉटनिकल गार्डन ऊटी टुरिज़म मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहा के अनोखे पौधे और वृक्ष ओर रंग बिरंगे फूलों से लहराता यह गार्डन पर्यटकों को लुभाता है।
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रोज गार्डन Ooty tourist places Information In Hindi
ऊटी का रोज गार्डन अपनी सुंदरता और विभिन्न प्रकार के गुलाबों के लिए प्रसिद्ध है। यह बगीचा हरे-भरे पहाड़ों और सुंदर वादियों से घिरा हुआ है, जिसके कारण यह जगह बेस्ट टुरिस्ट प्लेस ओर हैनिमून के रोमांटिक स्थान माना जाता है। ऊटी के रोज गार्डन में लगभग 20,000 गुलाब के पौधे हैं, जिनमें 2,800 से अधिक किस्में शामिल हैं। गार्डन में गुलाब की क्यारियों को खूबसूरती से सजाया गया है, जिससे वे बहुत ही आकर्षक दिखती हैं। उद्यान को प्राकृतिक ढलानों और सीढ़ीनुमा प्लेटफार्मों पर डिज़ाइन किया गया है, जिससे फूलों का शानदार दृश्य देखने को मिलता है।
ऊटी म्यूजियम Ooty tourist places Information In Hindi
ऊटी का म्यूजियम ऊटी की संस्कृति, इतिहास और यहाँ की जनजातियों की परंपराओं का प्रदर्शन करता है। यह संग्रहालय ऊटी शहर के मध्य में स्थित है, जिसमे ऊटी की विभिन्न ऐतिहासिक वस्तुएँ, शिल्पकला और प्राचीन कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई हैं। यह म्यूजियम ऊटी के समृद्ध इतिहास को समझने के लिए आदर्श स्थान है।
ऊटी म्यूजियम पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र है क्योंकि यह क्षेत्र की आदिवासी संस्कृति, प्राचीन अवशेषों और प्राकृतिक विविधता की झलक देखने को मिलती है। इस संग्रहालय में नीलगिरी की पारंपरिक आदिवासी जनजातियों जैसे टोडा, कोटा, कुरुम्बा आदि की संस्कृति, उनके रहन-सहन, हस्तशिल्प, और अन्य कला रूपों को दर्शाया गया है।
Kotagiri Hill Ooty tourist places Information In Hindi
कोटागिरी हिल स्टेशन ऊटी से 30 किलोमीटर दूरी पर है । निलगिरी के हिल स्टेशन में कोटागिरी सबसे पुराना हिल स्टेशन है । ये प्रकर्ति की खुबसूरती का अतुल्य उदाहरण है । कोटागिरी हिल स्टेशन की सुन्दरता को निहारने के लिए दूर दूर से पर्यटक आते है । यहाँ के द्रश्य का आनद लेते है । कोटागिरी का मोसम कुछ ज्यादा ही सुहाना रहता है । यहाँ बहुत ही खुबसूरत चाय के बागन और सुंदर हिल्स रिजॉर्ट हैं । जो आप की कोटागिरी पर्वत आप की यात्रा को खुबसूरत बना देता है । बरसात के मोसम में यहाँ के मनोहरम द्रश्य देखते ही बनते है।
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Coonoor Hill Station Ooty tourist places Information In Hindi
कुन्नूर हिल स्टेशन ऊटी से लगभग 18 किलोमीटर दूर स्थित है । ये एक बहुत ही खुबसूरत और मनमोहक हिल स्टेशन है । यहा खूबसूरत झरने की मधुर आवाज मन को बहुत सकून देती है। चाय की बागियों में पंछियों की चहचाहट और ओस की सफेद चादर ओढ़े पहाड़ पर्यटकों के मन को आकर्षित करते है। किन्नुर की इन हसीन वादियों में घूमना एक अलग ही अहसास होता है । केथरीन फ़ॉल यहाँ की कुब्सुरती को चार चाँद लगाता है । कुन्नर वन में हजारो किस्म के फूलो की खुसबू से आप की सांसे महक उठती है । यहाँ का मुख्य आकर्षण बोटेनिकल गार्डन है, जो बहुत ही मनमोहक है।
एमराल्ड झील Ooty tourist places Information In Hindi
एमराल्ड झील ऊटी के पास स्थित एक सुंदर प्राकृतिक झील है। ऊटी शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर एमराल्ड गांव के पास साइलेंट वैली नामक क्षेत्र में स्थित है। यह स्थान शांतिप्रिय पर्यटकों के लिए स्वर्ग के समान है। यहाँ का साफ पानी, हरे-भरे जंगल और चाय के बागान इसे परिवार के एक मनमोहक पिकनिक स्थान बनते हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए एमराल्ड झील ऊटी में आदर्श स्थान है। यहा हर साल आने वाले पर्यटकों की भीड़ ने अभी तक कब्ज़ा नहीं किया है।
टॉय ट्रेन Ooty tourist places Information In Hindi
ऊटी का टॉय ट्रेन, जिसे ‘नीलगिरि माउंटेन रेलवे’ के नाम से भी जाना जाता है, विश्व धरोहर स्थल में शामिल है। समुद्र तल से 2,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मेट्टुपलायम से यह ट्रेन ऊटी पहुंचती है, और यात्रा के दौरान पर्यटकों को रास्ते मे हसीन वादीओ, चाय के बागानों, गहरी घाटियों, और सुंदर पहाड़ों के अद्भुत दृश्य दिखती है। यह टॉय ट्रेन यात्रा के दोरान 16 सुरंगों, 250 पुलों, और 208 मोड़ों के बेहतरीन दृश्य दिखाती हैं।
पायकारा झरना Ooty tourist places Information In Hindi
पाइकारा झरना नीलगिरी ज़िले में ऊटी से करीब 20 किलोमीटर दूर है. इस झरना का नाम पाइकारा नदी के नाम पर रखा गया है, जो मुकुर्थी चोटी से निकलती है. यह झरना, अपनी खूबसूरती, हरे-भरे परिवेश, और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है. पाइकारा जलप्रपात, प्रकृति प्रेमियों और फ़ोटोग्राफ़रों के लिए एक आदर्श जगह है। पायकारा झरना खासतौर पर मानसून के मौसम में अपने चरम पर होता है। यहाँ का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
Ooty tourist places Information In Hindi
ऊटी कहां स्थित है?
ऊटी दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य के नीलगिरि जिले में स्थित है। यह कोयंबटूर से लगभग 86 किलोमीटर और मैसूर से लगभग 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।यह शहर नीलगिरि की खूबसूरत पहाड़ियों में बसा हुआ है और इसकी समुद्र तल से ऊँचाई लगभग 2,240 मीटर है। यहा की भौगोलिक स्थिति के कारण ऊटी को लोकप्रिय टुरिस्ट प्लेस बनाती है।
ऊटी जाने का सही समय
ऊटी साल भर मे कीसी भी समय जा सकते है, ऊटी समुद्र तट से 7440 फीट की ऊंचाई पर होने के कारण हर समय मॉसम सुहाना रहता है। फिर भी ऊटी घुमाने की नजर से गर्मियो का समय सबसे अच्छा रहता है । बारिश के बाद यहाँ का द्रश्य बहुत ही सुहाना हो जाता है। ऊचाई पर बसा होने के कारण गर्मियो में भी ऊटी का तापमान 25 डिग्री से ज्यादा नही होता। सर्दियों में यहाँ तापमान गिर जाता है और घना कोहरा छाया रहता है। सर्दियों के समय भी ऊटी के सौंदर्य को देखने के लिए उत्तम है।
ऊटी कैसे जाएं?
(i) हवाई मार्ग
ऊटी का निकटतम हवाई अड्डा कोयंबटूर हवाई अड्डा है, जो लगभग 86 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से आप टैक्सी या बस के माध्यम से ऊटी पहुँच सकते हैं। कोयंबटूर हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
(ii) रेल मार्ग
ऊटी का निकटतम रेलवे स्टेशन मेट्टुपालयम है, जो लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है। मेट्टुपालयम से ऊटी तक की यात्रा के लिए टॉय ट्रेन उपलब्ध है, जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।
(iii) सड़क मार्ग
ऊटी सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के विभिन्न शहरों से बसें और टैक्सियाँ आसानी से उपलब्ध हैं।